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प्रदेश प्राइवेट स्कूल की विभिन्न एसोसिएशन की वर्चुअल बैठक का आयोजन

सरकार के समक्ष रखेंगे अपना पक्ष

पालमपुर, प्रवीण शर्मा

हिमाचल प्रदेश प्राइवेट स्कूल के विभिन्न एसोसिएशन की बर्चुअल बैठक आयोजित की गई। जिसमें सरकार द्वारा स्कूल न खुलने के निर्णय  लिए रोष प्रकट किया। एसोसिएशन के  पदाधिकारियों ने कहा कि देश के अधिकतर  राज्यों में स्कूल खुल चुके हैं और पता नहीं हिमाचल सरकार स्कूल क्यों नहीं खोल रही है । जबकि स्कूल के अभिभावक ,संचालक और बच्चे स्कूल आने को तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। सरकार द्वारा आवासीय स्कूल और एकेडमी खोल दी गई है दूसरी तरफ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों  के लिए स्कूल बंद रखकर शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि  सरकार और शिक्षा विभाग जो भी शिक्षा को लेकर फैसला लेती है वह सरकारी स्कूलों को ध्यान में रखकर ही लेते है, कभी भी निजी स्कूलों के संगठनों से कोई राय नहीं  ली जाती है।
इस मीटिंग में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जिला स्तर पर स्कूल संचालकों की एक कमेटी गठित की जाएगी। इसमें अभिभावकों को भी साथ किया जाएगा और स्कूल से जुड़े व्यवसाय के सदस्यों  को भी साथ में लिया जाएगा और सरकार के समक्ष संयुक्त रूप से स्कूल खोलने के लिए आहवन किया जाएगा।

बैठक में स्कूल संचालकों को  इस बात को लेकर भी रोष था की सरकार बच्चों के भविष्य की तरफ नहीं देख रही है और विभिन्न तरह के कार्यक्रम प्रदेश में हो रहे हैं उसमें भीड़ जुट रही है और   कोरॉना का संक्रमण वैसा ही बना हुआ है कब तक सरकार यह दोहरा रवैया अपनाती रहेगी? 

उन्होंने कहा कि बाकी राज्यों के स्कूल में, बच्चे स्कूल जाकर पढ़ रहे हैं लेकिन हिमाचल के बच्चे अभी घर में बैठकर ऑनलाइन पढ़ रहे हैं जब संयुक्त परीक्षा होगी तो हमारे राज्य के बच्चे दूसरे राज्यों के बच्चों से  कैसे  प्रतियोगिता करेंगे? 

कुछ स्कूल संचालकों का कहना था कि हिमाचल में  18 साल से ऊपर की वैक्सीनेशन 100 प्रतिशत हो चुकी है ।अन्य राज्यों के साथ तुलना की जाए तो हिमाचल सबसे आगे हैं परंतु स्कूल खोलने की जब स्थिति आती है तो हिमाचल पिछड़ रहा है। 
इस दौरान सभी सदस्यों में सहमति थी कि बच्चे जो ऑनलाइन स्टडी कर रहे हैं, वह काफी पिछड़ गए हैं और इनको नॉर्मल करने में 2 या 3 साल लग जाएंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों पर मानसिक और शारीरिक दोनों तरफ से नुकसान हुआ है। इसलिए बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार को बहुत जल्दी निर्णय लेना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री दोनों से समय लिया जाएगा और अपना पक्ष रखा जाएगा।बैठक के दौरान चंबा से संजीव सुरी अनिल शर्मा कांगड़ा से डॉक्टर गुलशन सुधांशु शर्मा अंकुश सूद रमन अवस्थी अनुराग हरबंस यूके शर्मा सुश दीन पठानिया मंडी से वीरेंद्र गुलेरिया नारायण सिंह शर्मा बीडी शर्मा दिनेश शर्मा सत्य प्रकाश बलवंत बुराड़ी सुरेंद्र राणा शिमला से रवि शांडिल्य बीएन किन्नौर से आर एल नेगी ऊना से  लखन पाल शर्मा महेश राणा अनु शर्मा अंशुल श्यामलाल अरुणा कौशल हमीरपुर से एस के ठाकुर राजन अनिल कुल्लू से  पूर्ण चंद गणेश गनी निरंजन उपस्थित थे।

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