पालमपुर, रिपोर्ट
इनकी इस योग्यता के लिए समाज सेवा में समर्पित इंसाफ संस्था के अध्यक्ष एवं पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने राजेंद्र कुमार को बहुत-बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं दी है । इसी के इन्साफ संस्था के अध्यक्ष ने प्रश्न किया है कि इस तरह के शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया एवं कारगुजारी का कौन सा पैमाना एवं मापदंड है।
प्रवीन कुमार ने कहा कि वह शिक्षकों की ऐसे चयन रुपी सराहनीय कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा नहीं कर रहे हैं अपितु हाल ही में एक शिक्षका के मामले की रोचक घटना का वह इस मोके पर जरूर जिक्र करना चाहेंगे ।
पूर्व विधायक ने इस किस्से को राज्यपाल के ध्यानार्थ लाते हुए कहा कि एक अध्यापिका ने उनके ध्यान लाया कि उनकी निर्धारित कार्य अवधि पूरी होने पर अर्थात स्टेपअप का मामला उप निदेशालय में लंबित पड़ा है । इस बाबत जव उन्होंने जिला उप निदेशक के कार्यालय में बात की तो उस एवज में जवाब मिला कि इस अध्यापिका की सर्विस बुक में स्कूल के मुखिया ने एक्सीलेन्ट रिपोर्ट भेजी है जो कि गलत है इस अध्यापिका को कहा जाए कि वह एक्सीलेंन्ट की जगह बेरी गुड लिखवा कर भेजे । पूर्व विधायक ने माना कि जिस स्कूल के मुखिया ने इस अध्यापिका के बारे में ऐसा लिखा है वह वाक्य ही काविले तारीफ हैं क्योंकि उसमें ऐसी कावलियत झलकती है लेकिन हर जगह काबलियत के किस तरह पर काटे जाते हैं उदाहरण उनके सामने हैं। इसके अतिरिक्त पूर्व विधायक ने इस मौके पर केवल स्कूली शिक्षकों को ही सम्मानित करने के बजाये कालेज व विश्वविद्यालयों के भी योग्य शिक्षकों को सम्मानित करने की नई परम्परा शुरू करने का महामहिम राज्यपाल महोदय से आग्रह किया है।
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