पालमपुर, रिपोर्ट
किसी भी विधायक की योग्यता एवं विकासात्मक कार्य प्रणाली के तराजू का एक पलडा विधानसभा का पटल होता है जहां अपने हल्के की आवाज को बुलंद किया जाता है और दूसरा पलडा योजना आयोग का कक्ष होता है जहां विधानसभा क्षेत्र की योजनाओं को प्राथमिकता दी जाती है । ऐसे में पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल अपनी नाकामी को छिपाकर बाकायदा पत्रकार वार्ता के माध्यम से सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाकर यह कैसा ढिढोंरा पीटने का कथित प्रयास कर कोन सी सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाह रहे हैं ।
यह प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने आशीष बुटेल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आशीष जी यह रोना धोना छोड़ कर पालमपुर की जनता को बताएं कि उन्होंने अपने लगभग चार वर्ष के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश के सर्वोच्च सदन में हल्के की बेहतरी के लिए कौन-कौन से मुद्दे उठाए दूसरा विधायक प्राथमिकता के तहत उन्होंने विभिन्न विभागों की कौन-कौन सी डीपीआर को स्वीकृति दिलवाई और कौन कोन सी डीपीआर किस स्तर पर लम्बित पडी है ।
पूर्व विधायक ने विधायक महोदय से कहा कि यह तो आपका बहुत बड़ा सौभाग्य है कि सता सुख तो आपको विरासत में ही मिला है और शायद पैदा होते ही आप विधायक की ही गोद में पल कर बड़े हुए है। ऐसे में अपने पारिवारिक राजनैतिक अनुभव का ही फायदा उठाते और दमदार विपक्ष का विधायक अपने आपको प्रमाणित करते । लेकिन आप हर जगह अपनी नैतिक जिम्मेवारी से पल्लू झाड कर विपक्ष का विधायक होने का राग अलापते प्रदेश सरकार को ही कोसते रहते हैं।
पूर्व विधायक ने कहा कि जहां उप तहसील बनाने की विधायक महोदय मांग कर रहे हैं ऐसे में जिस मुख्यमंत्री ने गोपालपुर में लोक निर्माण विभाग का उप मण्डल खुलवाया वही चचियां में बहुत जल्दी उप तहसील की भी घोषणा करेंगे और जिस सरकार के मुखिया ने पालमपुर को नगर निगम का दर्जा दिलाकर एतिहासिक कार्य किया वही पालमपुर में खंड विकास कार्यालय खुलवायेंगें । पूर्व विधायक ने हैरानगी व्यक्त करते हुए कहा कि पालमपुर में मात्र 10 वर्ष के भाजपा शासन काल को छोड़कर जिसमें भाजपा की अनगिनत उपलब्धियां रही है ओर शेष राज पाठ आपके ही परिवार ने भोगा है। ऐसे में आपने सिवाये पालमपुर की आपार सुन्दरता को बेचने अर्थात खूबसूरत हरे भरे चाय के बगीचों को वेरहमी से उजाड़ने के अलावा कोई काम नहीं किया । पूर्व विधायक ने कहा कि जिस सिविल हॉस्पिटल के अतिरिक्त भवन की विधायक महोदय बात कर रहे हैं इसका शिलान्यास भी बतौर विधायक उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल के करकमलों से करवाया था ।
इस तरह पांच वर्ष तक आपके परम पूजनीय पिताजी हिमाचल विधानसभा के अध्यक्ष रहे लेकिन एक पत्थर तक लगने नहीं दिया अब जयराम ठाकुर के शासनकाल में ही इस भवन का युद्ध स्तर पर काम चला हुआ है। पूर्व विधायक ने केवल दो ही उदाहरण देकर विधायक महोदय को विकास की परिभाषा बतानी चाही है कि शान्ता कुमार के बक्त की बिछी पेयजल पाईपों को जय राम सरकार वर्तमान में बढती आबादी के आधार पर बदल रहै हैं। जगह जगह पाईपों के आपार भण्डार दिखते नज़र आ रहे हैं दूसरा आपके शासनकाल में जो सडकों की दुर्दशा थी वर्तमान में पालमपुर हल्के में इन सड़कों की हालत किस हद तक सुधरी है क्या यह विकास की परिधि में नहीं आता ।
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