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मां भद्राकाली का दावा दैत्यों के साथ युद्ध मे एक चौथाई देवताओं की हुई जीत

जानमाल में नुकसान के साथ साथ फसलों को भारी क्षति होने की संभावना

पद्धर स्थित भद्राकाली माता मंदिर में जागहोम दौरान आग के अंगारों में खेले गुर

कृष्ण भोज, पद्धर।

हर वर्ष भादो महीने में घोघरधार के डायनाबाड़ में दैत्यों के साथ होने वाले युद्ध के संपन होने पर देवतागण अब अपने मंदिरों को लौटना शुरू हो गए हैं। आने वाले दिनों में पत्थरचौथ तक तमाम देवता अपने मंदिरों को वापिस लौट जाएंगे। इस दौरान सभी मंदिरों में जागहोम आयोजित होंगे, जिनमें देव शक्तियां अपने मंदिरों में वापिस लौटने के साथ साथ युद्ध में हुए परिणामों का बयौरा अपनी हार की जनता के समक्ष रखेंगे। 
शनिवार रात को पद्धर बाजार स्थित मां भद्राकाली मंदिर में विशाल जागहोम का आयोजन हुआ। माता के गूरों ने आग के अंगारों पर चलकर देव शक्ति का प्रर्दशन किया। इस दौरान माता ने अपने गूरों के माध्यम से डायनाबाड़ में होने वाले दैत्यों के साथ देव शक्तियों के अदृश्य युद्ध का विस्तार पूर्वक बयोरा दिया।
देवखेल में गूरों के माध्यम से मां भद्राकाली ने दावा जताया कि इस बार दैत्यों के साथ युद्ध में मात्र एक चौथाई देवताओं की जीत हुईं है। इसका असर जानमाल में भारी नुकसान के साथ साथ फसलों के नुकसान के रूप में देखने को मिलेगा। 
भगवती के मंदिर में इस दौरान रात को जयकारों के नारे गूंजते रहे। श्रद्धालुओं ने भारी संख्या में मां के इस धार्मिक समारोह में हाजिरी भर कर मां का खूब गुणगान किया। भजन मंडली द्वारा सांस्कृतिक संध्या को भक्तिमयी बना दिया गया। 
मंदिर के पुजारी मदन लाल शर्मा और फूलमाला ने बताया कि मंदिर में हर वर्ष जागहोम का आयोजन धूमधाम से किया जाता है। इस दौरान युद्ध में लगी लागजोग का भी मां भद्राकाली ने अपने गूरों के माध्यम से इलाकाबार हवाला दिया। मंदिर में रात को भंडारे का भी आयोजन मंदिर कमेटी के सौजन्य से किया गया।
 बता दें कि घोघरधार की स्थली डायनाबाड़ में हर वर्ष भादो महीने में देवताओं और दैत्यों के बीच युद्ध लड़ा जाता है। इस महीने सभी देवताओं के मंदिर कपाट बंद रहते हैं। युद्ध में हार जीत होने के उपरांत सभी देवता अपने मंदिरों को लौटना शुरू हो जाते हैं। डायनाबार्ड से देवताओं के वापिस मंदिर लौटने का सिलशिला शुरू हो गया है। यह क्रम आने वाले गुरूवार तक निरंतर जारी रहेगा। पधर क्षेत्र के सभी मंदिरों में इस दौरान जागहोम आयोजित किए जाएंगे।

द्रंग क्षेत्र की अराध्य देवी माता चामुंडा भगवती द्रंग, देव मांहूनाग काशला, देव पाईंदल ऋषि डोलरा, माता जालपा भगवती सरौण, देव बूढ़ाबिंगल ऋषि सहित तमाम अराध्य मंदिरों में होने वाले जागहोम को लेकर तैयारियों जोरों शोरों से चली हुई है। 

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