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11 बर्षीय दिव्यांश की बंदर के डर से छ्लांग मार कर हुई मौत को लेकर लोगों में रोष

माकपा नेता ने जताया रोष

मंडी, रिपोर्ट

हिमाचल किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज, ब्लॉक कमेटी के अध्यक्ष एवं ग्राम पंचायत टिक्करी मुशैहरा के प्रधान रविन्दर कुमार तथा लडभड़ोल तहसील कमेटी के अध्यक्ष एवं ग्राम पंचायत खद्दर के पूर्व प्रधान टेक सिंह व सचिव प्रताप ठाकुर, उपाध्यक्ष जगदीश राणा, तुल्लाह जोन के सचिव रवि सिंह ठाकुर व बाग पंडोल कमेटी के प्रधान प्रताप चंद ने लडभड़ोल बाजार में बंदर के हमले के कारण 11 वर्षीय बच्चे दिव्यांश शर्मा की घर की छत से गिरने से हुई मृत्यु पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरा शोक व सहानुभूति भी प्रकट की है। 


माकपा नेता एवं जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज ने कहा कि जोगिन्दर नगर विधान सभा क्षेत्र में बंदरों के भारी प्रकोप के साथ ही अन्य जंगली जानवरों तथा आवारा पशुओं की भरमार है। ये जानवर फसलों को तो  चौपट करते ही हैं साथ ही राहगिरों, खेत में काम करने वाले किसानों तथा घरों के अंदर भी हमले करते हैं। पहले भी बंदरों, सूअरों व अन्य जंगली जानवरों के हमले में कई लोग घायल हुए हैं तथा कुछ ने अपनी जान गंवाई है। प्रदेश व केंद्र सरकार ने किसानों की फसल बचाने के लिए, नष्ट फसल का मुआवजा दिलाने के लिए कभी कोई पहल नहीं की। किसानों की पूरी खेती तबाह हो रही है और पशु प्रेमी सरकारों को किसानों की चिंता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि जोगिन्दर नगर के वर्तमान विधायक ने भी पिछले चुनावों से पहले किसानों व क्षेत्र वासियों से वायदा किया था कि वे जोगिन्दर नगर विधान सभा क्षेत्र के किसानों व आम जनता को जंगली जानवरों व आवारा पशुओं के प्रकोप से निज़ात दिलाएंगे। लेकिन पिछले चार साल में इस दिशा में कोई काम ही नहीं किया गया है। अब ये जानवर हिंसक होकर इंसानों पर हमले कर रहे हैं। 

कुशाल भारद्वाज ने सरकार से मांग की कि जंगली जानवर के हमले से मैनुअल के आधार पर मृतक के परिजनों को मिलने वाले मुआवजे के अलावा भी कम से कम 50 लाख रूपये की राशि मृतक दिव्यांश के परिजनों को दी जाए। इसके अलावा जोगिन्दर नगर विधान सभा क्षेत्र के किसानों को जंगली जानवरों व आवारा पशुओं से संबंधित इस सबसे समस्या से छुटकारा दिलाया जाए। इसके लिए सरकारी स्तर पर बंदरों, सूअरों तथा अन्य उत्पाती जंगली जानवरों की सांइटिफिक कलिंग की जाए। आवारा पशुओं को गो सदनों पर रखा जाये तथा सभी गो सदनों को सरकारी खर्च से चलाया जाए। उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर क्षेत्र के किसानों को लामबंद कर शीघ्र ही बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा। 

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