कांगड़ा,रिपोर्ट
कांगड़ा -चंबा लोकसभा क्षेत्र से सांसद किशन कपूर ने केंद्र से सामरिक रूप से महत्वपूर्ण प्रस्तावित पठानकोट -चंबा -तीसा -किलाड़ – पांगी- लेह सड़क के निर्माण को भारतमाला परियोजना के अंतर्गत स्वीकृत करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक प्रस्ताव केंद्र को इस संबंध में प्रेषित किया है । इस प्रस्तावित सड़क परियोजना के निर्माण से पठानकोट से लेह की दूरी 521 किलोमीटर रह जाएगी जबकि मनाली के रास्ते से यह दूरी पठानकोट से 802 किलोमीटर है । इस प्रकार पठानकोट से लेह की दूरी 281 किलोमीटर कम हो जाएगी ।
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री को प्रेषित एक पत्र में सांसद किशनकपूर ने कहा कि चीन की विस्तारवादी नीतियों से और देश की सीमाओं पर नितप्रति दिन चीन की बढ़ती घुसपैठ की घटनाओं का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए देश की सरहदों तक अपनी सेनाओं को पहुंचाने के लिए सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण वैकल्पिक रास्तों के निर्माण की ओर गंभीरता से ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है । इस दृष्टि से इस सड़क निर्माण का यह प्रस्ताव तार्किक एवं औचित्यपूर्ण है । यह सड़क पठानकोट और निकटवर्ती क्षेत्रों की सैनिक छावनियों को जिनमे पठानकोट छावनी, योल छावनी और पठानकोट -जम्मू मार्ग पर सैनिक शिविरों और पुंछ क्षेत्र के सैनिक शिविरों को लेह-लद्दाख से जोड़ेगा । इससे सेना में कार्यरत सैनिकों की देश के अन्य क्षेत्रों में आवाजाही सुगम होगी । सांसद किशन कपूर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लिए यह सड़क निर्माण परियोजना अत्यंत ही लाभकारी होगी क्योंकि प्रस्तावित सड़क प्रदेश के दुर्गम क्षेत्र पांगी से हो कर गुजरेगी जो अत्यंत पिछड़ा हुआ इलाका है । यह क्षेत्र वर्ष के आठ महीनों में प्रतिकूल मौसम के कारण विश्व से अलग – थलग हो जाता है । प्रस्तावित सड़क के निर्माण से डलहौजी ,सलूणी ,चुराह ,भटियात ,पांगी ,भरमौर और लाहौल की लगभग 3.50 लाख जनसंख्या को सीधा लाभ पहुंचेगा और इस प्रस्तावित सड़क के निर्माण से चुराह व पांगी क्षेत्र की कई पिछड़ी पंचायतों को राष्ट्र की मुख्य- धारा से जुडने का अवसर प्राप्त होगा । पांगी क्षेत्र में जल- विद्युत परियोजनाओं की स्थापना एवं पर्यटन व तीर्थाटन की भी अपार संभावनाएँ हैं जिनका समुचित दोहन यातायात के सुगम साधन उपलब्ध होने पर किया जा सकता है । इस प्रस्तावित सड़क के निर्माण से आकांक्षी जिला चंबा के पांगी व चुराह जनपद में विकास के नए युग का सूत्रपात होगा ।
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