बडूखर(अश्वनी चौधरी)
विद्युत विभाग उपमंडल रे के अंतर्गत आते इलाका रे, स्थानां , डुहग, बडूखर, रियाली, राजगीर ,मल्हारी लंबी पटिया, पलाखी आदि गांव में आजकल विद्युत व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। जिससे कई दुकानदारों के रोजगार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
बताते चलें कि जैसे ही सुबह दुकानदार अपनी दुकानें खोलते हैं बिजली व्यवस्था अपने रंग दिखाना शुरू कर देती है। एक आध दिन छोड़ दिया जाए तो हर रोज लगभग 20 से 25 कट लगाए जा रहे हैं। जिससे आम जनमानस के साथ-साथ किसान व्यापारी वर्ग खासा परेशान दिखाई दे रहा है विद्युत विभाग की अव्यवस्था के कारण कई लोग कई बार अपने घरों पर लगे हुए विद्युत के महंगे उपकरण से हाथ धो बैठते हैं परंतु विभाग है की सुधरने का नाम नहीं ले रहा पिछले दिनों बडुखर के समीप पड़ते दियोठी गांव में शाम को अचानक लोड बढ़ने के कारण कई लोगों के विद्युत उपकरण व मीटर तक जल गए परंतु विभाग है की टस से मस नहीं हो रहा।
विद्युत व्यवस्था के प्रति विभाग कितना सतर्क वह गंभीर है इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 2 महीने के दौरान तीन बार सहायक अभियंता बदले जा चुके हैं। पिछले लगभग 1 साल से इस उपमंडल में जहां लगभग 6 कनिष्ठ अभियंता के पद सृजित हैं वहां मात्र एक कनिष्ठ अभियंता के साथ ही काम चलाया जा रहा था, अब कुछ दिन पहले ही नए कनिष्ठ अभियंता का स्थानांतरण यहां हुआ है। वर्षों से बिगड़ी विद्युत व्यवस्था को मात्र चंद दिनों में सुधारा नहीं जा सकता।
बडूखर के पास 33 केवी सब स्टेशन इस कदर अव्यवस्था का शिकार है की लगभग 25 सालों से यहां पर लगे विद्युत उपकरणों को कई बार आग लग चुकी है और जानकार सूत्रों की माने तो अभी तक भी उन्हें बदला नहीं गया है जबकि अभी तक भी उन्हें ठोक पीटकर चलाया जा रहा है।
जिस क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था 25 से 30 साल पहले लगे उपकरणों के भरोसे हो वहां विद्युत व्यवस्था का क्या हाल होगा इसी बात से अंदेशा लगाया जा सकता है क्षेत्र की जनता विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली से इस कदर दुखी है की कभी भी लोगों का गुस्सा ज्वाला बन कर फूट सकता है। अभी कुछ दिन पहले ही बडुखर बाजार के साथ लगते वार्ड नंबर 5 में लगभग सौ से डेढ़ सौ लोगों ने इकट्ठे होकर विद्युत विभाग के प्रति अपना गुस्सा जाहिर किया था। लोगों की माने तो उनका कहना है कि विभाग अब भी अगर व्यवस्था नहीं सुधारता तो हालात भयानक हो सकते हैं।
कुछ समय पूर्व मंड क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति के लिए बिछाई गई तारे जोकि डंडों के सहारे टांगी गई थी आज भी मंड क्षेत्र का दौरा करने पर जगह-जगह ऐसी तारे डंडों के सहारे टंगी हुई दिखाई दे जाती हैं।
व्यवस्था को सुधारने के लिए अगर कुछ खंभे विभाग द्वारा भेजें भी जाते हैं तो वह कहीं अन्यत्र ही पहुंच जाते हैं और डंडों के सहारे की व्यवस्था फिर वही की वही रह जाती है।
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