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टैग सहित सड़को पर घूमता आवारा गौवंश दे रहा हादसों को न्योता

बड़ूखर(अश्वनी चौधरी)

 खट्टी यार से इंदौरा तक सड़कों पर गोवंश घूमने से रोकने संबंधी आदेश के बावजूद प्रभावी रूप से अंकुश नहीं लग पा रहा है। अभी भी फ़तेहपुर ब इंदौरा में काफी स्थानों पर गोवंश खुले ही सड़कों पर घूमते नजर आ रहे हैं, जबकि सरकार दावा करती है कि सड़कों से गोवंश को पकड़ने का अभियान चल रहा है।


आवारा घूमते गोवंश मुद्दा बन रहे हैं। एक तरफ इनकी वजह से फसलों को नुकसान होता है। जिले के विभिन्न इलाकों में किसान इससे परेशान हैं। क्योंकि इन दिनों खेतों में  फसले तैयार हो रही है, लेकिन आवारा पशु खेतों में घुसकर फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लोगो का कहना है कि फ़तेहपुर में पंजीकृत एक गौशाला हैं, वहाँ भी सेकड़ो गो वश है।

हैरानी की बात यह है कि सड़कों पर अधिकतर आवारा पशु वह है जिनको टैग लगे है।यह गोवंश रात के अंधेरे में गाड़ियों से खुद भी दुर्घटना ग्रस्त हो रहे है और वाहन चालकों को भी दुर्धटना ग्र्स्त कर रहे है।

बता दे कि सरकार की पशुओं को टैग लगाना यानी प्रत्येक पशु को पशुपालकों के आधार के साथ जोड़ने की मुहिम थी जिससे पता चल सके कि पशु किसका है। पर यह योजना भी फ्लाप होती नजर आ रही है।

दूसरा पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने  ने कुछ दिन पहले यह घोषणा की थी कि सड़कों और आवारा गोवंश नही दिखेगा स्थानीय प्रशाशन भी इस पर नुकेल कसेगा ।एस डी एम या तहसीलदार भी अगर किसी का पालतू पशु सड़को पर नजर आता है तो पशुपालकों के 5000 तक का जुर्माना जर सकेंगे।

हालांकि सरकार ने  31 मार्च 2022 तक हिमाचल राज्य सड़को पर आवारा गो वंश मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। सरकार की माने तो 18000 आवारा पशुओं को गो आश्रमो में सरक्षण दिय्या गया है।

ओर मौजूदा समय मे 198 गौ सदन व 12 गौ अरम्भय संचालित किए गए है। 

सरकार की बिभिन योजनाओं पर सवाल तो  बनता है कि इतनी मशक्कत के बाद भी सड़को पर आवारा पशु गुम रहे है।

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