धर्मपुर, रिपोर्ट
लगभग 1940 के दशक से चला आ रहा सरी स्कूल जो सरी पंचायत के धवाल में एकांत जगह पर स्थित है जहां से अनगिनत शिक्षक ,प्रिंसिपल ,सिविल जज ,सेना के अधिकारी ,विभिन्न विभागों में अधिकारी व कर्मचारी देने वाला सरी स्कूल आज भी अपनी दुर्दशा पर रो रहा है यहाँ तक कि एक पूर्व विधायक एवम मंत्री रहे व्यक्ति की प्रारंभिक शिक्षा भी इसी पाठशाला से हुई है करीव 75 वर्ष पुराना स्कूल आज भी सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाया है जबकि इसी पंचायत के हर वार्ड को संपर्क मार्ग निकल चुके है।
लेकिन सरी पंचायत ने सायेद ही कभी किशी सरकार के सामने इस पाठशाला को सड़क मार्ग से जोड़ने की मांग को दमदार तरीके से उठाया हो सभी ऊच्च पदों पर आसीन होते हुए या सेवानिवृत हुए है इशी पाठशाला में पढ़े है फिर उनके बच्चे भी इसी पाठशाला में शिक्षा ले रहे है। जिसके परिणाम स्वरूप आज के इस देर में इस पाठशाला में तैनात होने वाले शिक्षक व कर्मचारी जो भी सेवाएं देने से कतराते हैं क्योंकि कर्मचारियों को सड़क सुविधा न होने के कारण अपने वाहन दो किलोमीटर दूर स्नोर ,सोसाइटी या फिर कपाही में सड़क किनारे खड़े करने पड़ते है या अगर कोई कर्मचारी कवार्टर भी रखना चाहता है तो उन्हें भी इतना ही सफर सुबह शाम करना पड़ता है तब जाकर फिसलन भरे रास्तों में पैदल चलकर जाना पड़ता है जिसके परिणाम स्वरूप इस पाठशाला में छात्रों की संख्या लगातार घट रही है क्योंकि अधिकतर छात्र सड़क व बस सुविधा न होने के चलते लोंगनी, धर्मपुर या मढ़ी का रुख कर रहे है जिससे जमा दो के कुछ विषयों को आगे चलाने में भी दिक्कत आ सकती है वहीं छात्रों की कमी के चलते प्राथमिक पाठशाला कपाही व स्नोर तो पहले ही बन्द हो चुकी है लेकिन प्राथमिक पाठशाला सरी के बन्द होने का भी योग बन सकता है ।
पूर्व पंचायत समिति सदश्या संगीता मंडयाल,सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य रूप लाल आज़ाद,सेवानिवृत्त शिक्षक नोटा राम,हंस राज वर्मा ,सेवानिवृत्त अधिशाषी अभियंता व्यास देव शर्मा, संतराम वर्मा,कप्तान राजेन्द्र पाल ,ख्याली राम,पूर्व प्रधान संगारा सिंह, पूर्व उप प्रधान पदम सिंह रामा, कृष्ण देव गुलेरिया,समाज सेवी सुशील शर्मा,कपिल गुलेरिया ,सेवानिवृत शारीरिक शिक्षक भूप सिंह डलवाल ने मांग करते हुए कहा कि सरी पंचायत के पदाधिकारी इस सड़क मार्ग की मांग को दमदार तरीके से सरकार व स्थानीय विधायक एवम जलशक्ति मंत्री के सामने उठाये ताकि इस पाठशाला के आंगन तक भी सड़क मार्ग पहुच सके।
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