👉हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव अनिल खाची ने ली समय से पहले रिटायरमेंट
👉कांगेस ने लगाया सरकार पर भ्रष्टाचार को बढावा देने का
शिमला,रिपोर्ट
मुख्य सचिव अनिल खाची ने आज समय से पहले रिटायरमेंट ले ली जिस से राजनैतिक हलको में आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गए है । याद रहे कि पिछले दिनो हिमाचल सरकार के कैबिनेट की बैठक में अनिल खाची की प्रदेश के जल शक्ति मन्त्री के साथ वहस हो गई थी जिस के बाद मामला तूल पकड गया था और इस विवाद के चलते आज मुख्य सचिव ने अपने पद से इस्तीफा ही दे दिया । इस से पहले उनके तबादले की चर्चा जोर पकड गई थी । यह जानकारी प्रबोध सक्सेैना अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्मिक द्वारा जारी आदेश में दी गई है । जिस में बताया गया है अनिल खाची ने अपनी रिटायरमेंट के लिए स्वयं आवेदन किया है । जिस के तहत नियमानुसार उनसे चार्ज ले लिया गया है और तीन महीने के अन्तराल में वह अपनी सेवाओ से पूर्ण रूप से मुक्त कर दिए जाएंगे ।
कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने मुख्य सचिव अनिल खाची को समय से पूर्व उनके पद से हटाने के सरकार के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा है कि यह निर्णय कर्मठ व ईमानदार अधिकारियों को हतोत्साहित करने वाला है,साथ मे उनका अपमान भी है।उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह निर्णय पार्टी के किसी राजनैतिक दवाब में लिया है जो बिल्कुल भी सही नही है,और कांग्रेस इसकी कड़ी निंदा करती है। राठौर ने अनिल खाची को मुख्य सचिव के पद से हटाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।उन्होंने कहा है कि खाची अपनी ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा के लिए पूरे प्रदेश में जाने जाते है।उन्हें इस प्रकार से इस पद से हटाना उनका ही नही अपितु प्रदेश के लोगों का भी अपमान है,क्योंकि वह प्रदेश के एक साधारण व प्रतिष्ठित परिवार से सम्बंध रखते है। राठौर ने कहा कि पिछले दिनों जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह द्वारा उनके साथ बदसलूकी किया जाना भी बहुत ही खेदजनक था।उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री सही में ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा के प्रति समर्पित होते तो वह मंत्री के खिलाफ कोई कार्यवाही करते,न कि खाची को ही इस पद से हटाते।उन्होंने कहा कि प्रदेश में जबसे भाजपा की सरकार बनी है तभी से उन्हें ताश के पत्तो की तरह की इधर से उधर फांटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि योग्य अधिकारियों को कम महत्व के पदों पर विठाया जा रहा है।यही कारण है कि आज दिन तक जयराम अफसरशाही के साथ कोई तालमेल नहीं विठा पाए है। राठौर ने मुख्यमंत्री के खाची को उनके पद से हटाने के निर्णय को भाजपा नेताओं के दवाब और भ्रष्टाचार से किया गया एक समझौता बताया है।
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