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मुख्यमंत्री ने पांगी-भरमौर विधानसभा क्षेत्र में 456 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास किए

👉 उप-तहसील होली को तहसील में स्तरोन्नत करने की घोषणा की

चम्बा,रिपोर्ट

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज चम्बा जिला के पांगी-भरमौर विधानसभा क्षेत्र में 456 करोड़ रुपये लागत की विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास किए। इनमें 411 करोड़ रुपये की परियोजनाएं अकेले भरमौर क्षेत्र में शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं की लगभग 593 मेगावाट विद्युत की निकासी और भरमौर क्षेत्र में विद्युत का वैकल्पिक साधन प्रदान करने के लिए लाहल में 377 करोड़ रुपये लागत के निर्मित 693 एमबीए सब स्टेशन का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि इस सब स्टेशन के माध्यम से क्षेत्र में वोल्टेज की समस्या हल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि 400 केवी लाहल-राजेरा ट्रांसमिशन लाइन, लाहल सब स्टेशन को 400 केवी स्तर पर राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ा जाएगा।

जय राम ठाकुर ने 6.98 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित वाहन योग्य लूना पुल, 3.26 करोड़ रुपये की लागत से भरमौर से हडसर सड़क के उन्नयन और 3.72 करोड़ रुपये की लागत से ददिमां से छलेड़ सड़क का लोकार्पण किया। उन्होंने 19.36 करोड़ रुपये की लागत से ढकोग से बन्नी माता सड़क को चैड़ा करने एवं सुधार कार्य का शिलान्यास भी किया।

मुख्यमंत्री ने का कि पिछले साढ़े तीन वर्षों के दौरान राज्य सरकार ने भरमौर क्षेत्र के विभिन्न विकासात्मक कार्यों के लिए लगभग 161 करोड़ रुपये व्यय किए हैं। उन्होंने कहा कि भरमौर में 100 बिस्तर क्षमता के नागरिक अस्पताल भवन के निर्माण कार्य में तेजी लाई गई है और अभी तक इस पर 8.85 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि भरमौर महाविद्यालय भवन का निर्माण बहुत तेज गति से किया जा रहा है और शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जाएगा।



जय राम ठाकुर ने उप तहसील होली को तहसील में स्तरोन्नत करने की घोषणा की। उन्होंने फट्टी-धमटाला और हिण्डा में राजकीय प्राथमिक विद्यालय खोलने, राजकीय प्राथमिक विद्यालय निका को माध्यमिक विद्यालय में स्तरोन्नत करने और माध्यमिक विद्यालय दिमला को उच्च विद्यालय में स्तरोन्नत करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जगत में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी जरूरी औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद छतराड़ी में बैंक की शाखा खोली जाएगी। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक के लिए  शीघ्र ही सर्वेक्षण किया जाएगा।


जय राम ठाकुर ने कहा कि भरमौर उप मण्डल में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 69 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 26 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया है। उन्होंने कोविड-19 महामारी के प्रसार को प्रभावी तरीके से रोकने के लिए राज्य को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर महामारी के संवदेनशील मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारें अपने कार्यकाल के दौरान राज्य में स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने में असफल रही हैं। उन्होंने प्रदेश व लोगों का विकास और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा आरम्भ की गई विभिन्न कल्याणकारी और विकासात्मक योजनाओं की जानकारी दी।


मुख्यमंत्री ने एडीएम भरमौर डा. संजय कुमार द्वारा लिखित पुस्तक सूक्ष्म वित के माध्यम से महिला विकास भी जारी की।


भाजपा के राज्य अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा आरम्भ की गई विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की जानकरी दी।


विधानसभा उपाध्यक्ष डा. हंस राज ने चम्बा जिला के विकास पर विशेष ध्यान देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।


स्थानीय विधायक जिया लाल कपूर ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और पांगी-भरमौर विधानसभा क्षेत्र में 433.22 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाएं समर्पित करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया।


मुख्य सचेतक विक्रम जरयाल, विधायक विशाल नेहरिया, पवन नैयर, भाजपा प्रदेश संगठन मंत्री पवन राणा, विपणन कमेटी चम्बा के अध्यक्ष डी.एस. ठाकुर, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उपाध्यक्ष जय सिंह, भाजपा के जिलाध्यक्ष जसवीर सिंह नागपाल, उपायुक्त डी.सी. राणा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।


 


हिमाचल के लिए नई विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति मंजूरः मुख्यमंत्री


मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बताया कि राज्य सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान को केंद्र में रखते हुए व्यक्तियों और संगठनों की ओर से अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने वाले पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर व्यापक बदलाव लाने के लिए नई विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति तैयार कर अनुमोदित की है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई नीति) -2020 से प्रेरणा लेते हुए हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद् (हिमकोस्टे) ने राज्य के लिए यह नीति राष्ट्र की तर्ज पर तैयार की है।


उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों के लगभग 30 हितधारक विभागों, कार्यकारी समूह के सदस्यों, कुलपतियों और वैज्ञानिकों के कोर ग्रुप और प्रमुखों व प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न दौर के विचार-विमर्श के बाद प्रारूप दस्तावेज को अंतिम रूप दिया गया है। इसके बाद मसौदा दस्तावेज को राज्य मंत्रिमंडल ने अनुमोदित किया।


जय राम ठाकुर ने कहा कि इस नीति को बनाते समय पर्वतीय क्षेत्रों और समाज की बेहतरी के लिए ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और आपदाएं, भोजन और पोषण, पानी और स्वच्छता, आवास, कम लागत पर स्वास्थ्य देखभाल, कौशल निर्माण और बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं के समग्र सतत् विकास को ध्यान में रखा गया है।


उन्होंने कहा कि नई नीति का उद्देश्य अनुसंधान और विकास संस्थानों और नवाचार केंद्रों को मजबूत करना, प्राथमिकता वाले अनुसंधान एवं विकास क्षेत्रों की पहचान करना और वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए मंच प्रदान करना, नवाचार के लिए उपयुक्त पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना व विकसित करना और आत्मनिर्भरता के राष्ट्रीय उद्देश्यों को पूरा करना है। तकनीकी क्षमता और सामाजिक आर्थिक विकास के लिए स्वदेशी संसाधनों का अधिकतम उपयोग भी इसमें शामिल है।


पर्यावरण विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव कमलेश कुमार पंत ने बताया कि राज्य की इस नीति को अंतिम रूप देने के लिए राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों से प्लांट जेनेटिक्स और आईपीआर, कृषि, बागवानी, इंजीनियरिंग, व्यावहारिक जैव प्रौद्योगिकी, वानिकी, जैव विज्ञान और जैव विविधता, रिमोट सैंसिंग, जल, वन्यजीव, गणित, मौसम विज्ञान, जलवायु परिवर्तन और भौतिकी आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों से प्रसिद्ध वैज्ञानिकों का एक कोर समूह गठित किया गया था।


उन्होंने कहा कि रणनीति के संस्थागतकरण के लिए 17 संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्यों के साथ परिभाषित जुड़ाव और तालमेल के माध्यम से संबंधित विभागों के समन्वय के साथ विभिन्न कार्य बिंदुओं को अपनाया गया है।

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