शिमला,रिपोर्ट
ग्रीष्मकालीन स्कूलों में लाखों छात्रों की इंट्रेक्शन शिक्षकों से दूर हो गई है। ऐसे में अब फिर से छात्रों की पढ़ाई पर बुरा असर पढऩे लगा है। शिक्षा विभाग के आदेशों पर समर वेकेशन स्कूलों के शिक्षकों ने रोजाना छात्रों की क्लासेज लेना छोड़ दिया है। वहींं कई जगह पर छात्रों को शिक्षकों ने नोट्स तक नहीं भेजे हैं। ऐसे में अब हजारों-लाखों छात्रों की पढ़ाई अब हर घर पाठशाला पोर्टल पर ही निर्भर रह चुकी है। छात्रों की पढ़ाई पर पढ़ रहे इस बुरे असर को देखते हुए अभिभावकों ने निदेशालय में लिखित शिकायत कर दी है। अभिभावक ऑनलाइन शिकायते भी शिक्षा विभाग को भेजने लगे हैं। बता दें कि करीब 10 हजार सरकारी स्कूल बंद हैं। इन स्कूलों में लगभग चार लाख छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
अब जब ऑनलाइन पढ़ाई बंद कर दी है, छात्र शिक्षकों से ऑनलाइन बात नहींं कर सकते है। इससे अगर किसी विषय में छात्र को असमंजस की स्थिति होती है, तो ऐसी हालत में भी वे शिक्षकों से कांटैक्ट नहींं कर पा रहे हैं। नतीजन एक बार फिर से सरकारी स्कूलों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। उधर, शिक्षा विभाग ने समर क्लोजिंग स्कूलों में अवकाश दे दिया है। शिक्षकों को रोज ऑनलाइन पढ़ाने की अनिवार्यता नहीं है। इससे छात्रों को छुट्टियों में होमवर्क मिलता रहेगा और वे व्यस्त रहेंगे। उधर, डा. अमरजीत शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक ने बताया कि अभी समर वेकेशन स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को आदेश दिए गए हैं कि वे छात्रों को होमवर्क व प्रोजेक्ट वर्क एक ही बार में दे सकते हैं। अगर अभिभावकों को छात्रों की प्रभावित हो रही शिक्षा की चिंता सता रही है, तो जल्द विभागीय स्तर पर कोई फैसला लिया जा सकता है।
छोटे बच्चों की पढ़ाई पर संकट
बता दें कि नर्सरी से पांचवीं तक के छात्रों को गिनती, अक्षरों तक का ज्ञान सही तरिके से नहीं हो रहा है। बताया जा रहा है कि पांच साल तक के बच्चों को गिनती तक समझ नहीं आ रही है। ऐसे में सरकारी शिक्षा पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है।
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