बडूखर, अश्वनी चौधरी
उपमंडल फतेहपुर और इंदौरा की लगभग 10 - 12 पंचायतों डूहग, रियाली, बडूखर, नंगल, टटवाली, हटली, भोगरवां, दियाना आदि के पशुओं के उपचार के लिए यहां के लोगों को 22 से 25 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। इस क्षेत्र के पशुओं को गंभीर बीमारी के चलते शल्य चिकित्सा आस पास उपलब्ध न होने के कारण या गंभीर बीमारी की अवस्था में आस - पास शल्य चिकित्सक के न होने के चलते पशु बिना शल्य चिकित्सा दम तोड़ जाता है।
1970 के आस पास इस क्षेत्र के डूहग में वेटरनरी औषधालय खोला गया लेकिन आज भी यह 3 कार्यालय व आवासीय परिसर होने के बावजूद चिकित्सालय का दर्जा प्राप्त करने में नाकाम रहा है।
एक गणना के तहत लगभग 15 से 20 हजार पशु जिसमें घरेलू व लावारिस इस क्षेत्र में हैं, लेकिन कई बार समय पर शल्य चिकित्सा न मिल पाने के कारण पशुओं की मौत होना आम बात है।
इस औषधालय के पास अपनी 8 कनाल भूमि के इलावा कार्यालय व 2 आवास भी उपलब्ध हैं।
मोहिंदर सिंह, संजीव अत्री, बलकार चौधरी, देस राज मेहता, विजय गुलेरिया, नरेश अत्री, प्रवीण चौधरी, अश्वनी चौधरी, तिलक राज, अतुल गौतम, सुदर्शन पराशर, सुरेंद्र शर्मा, सतीश शर्मा, अमित चौधरी आदि लोगों की मांग है कि डूहग स्थित औषधालय को अपग्रेड कर चिकित्सालय बनाया जाए।
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