झंडूता, रिपोर्ट
कारगिल विजय दिवस,शौर्य दिवस का आयोजन लोक निर्माण विश्राम गृह कलोल झंडूता में भाजपा मण्डल झंडूता द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि रूप में कर्नल जसवंत सिंह ने शिरकत की तथा मंडल अध्यक्ष मोहिंद्र सिंह चन्देल ने अध्यक्षता की। कार्यक्रम का शुभारंभ मरणो उपरांत सेना मैडल से नवाजे गए हवलदार जगदीश चंद की प्रतिमा को श्रद्धाजंलि गई तथा शहीदों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा गया। परमवीर चक्र विजेता सुबेदार संजय कुमार के माता पिता व सेना से समानित योद्धाओं ,शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया ।
इस अवसर कर्नल जसवंत सिंह कहा कि आज का दिन भारतीयों के लिए काफी अहम है, यह दिन भारतीय सेना के शौर्य और बलिदान का प्रतीक है। आज विजय दिवस है, यह कारगिल युद्ध मे शूरवीरों के सर्वोच्च बलिदान को याद करने का दिन है। आज से 22 साल पहले सेना ने कारगिल में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी। कारगिल जंग के दौरान सेना ने चलाया था ऑपरेशन विजय, जंग में पाकिस्तान की करारी हार हुई थी ।3 मई 1999 को को जंग शुरू हुई, 26 जुलाई को खत्म हुई ।कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है ।
भाजपा मंड़ल अध्यक्ष मोहिंद्र सिंह ने कहा कि यह बड़े गर्व की बात है कि द्वितीय विश्व युद्ध के विक्टोरिया क्रास विजेता भंडारी राम व परमवीर चक्र विजेता सुबेदार संजय कुमार विधानसभा क्षेत्र झंडूता से संबंघ रखते हैं । कारगिल युद्ध विधानसभा क्षेत्र झंडूता से 4 व प्रदेश से 52 वीर सपूतों ने धरती मां की रक्षा के लिए व इस देश और प्रदेश के लिए अपना बलिदान दिया है । झंडूता विधानसभा क्षेत्र वीरों की भूमि है । उन्होंने कहा कि युद्ध टीम की भावना से लड़ा जाता है । इसमें सभी सैनिकों का योगदान शामिल होता है । वीर सैनिकों के योगदान के कारण आज हम अपने घरों में सुरक्षित है । प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार द्वारा पहली बार शहीदों का राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक स्थान पर अंतिम संस्कार की व्यवस्था शुरु की गई थी।
कैप्टन हरबंश लाल भभौरिया ने कहा कि कैप्टन विक्रम बत्रा व सौरभ कालिया के कारगिल युद्ध में उनके योगदान को याद किया गया । कारगिल युद्ध में भारत की पाकिस्तान पर जीत के आज 22 साल पूरे हो गए हैं । भारतीय सेना ने कारगिल की बर्फीली पहाड़ियों पर करीब दो महीने तक चले युद्ध के बाद 26 जुलाई 1999 को ऑपरेशन विजय के सफलतापूर्वक पूरा होने पर जीत की घोषणा की थी । इस युद्ध में देश के 527 जवानों ने अपना बलिदान दिया। इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है । इस यु़द्ध में 1300 जवान घायल हुए थे।
इस अवसर पर मंडल महामंत्री दिनेश चन्देल ,उपप्रधान राकेश कुमार , कैप्टन किशोरी लाल , कृष्ण चंद , राम कृष्ण कुलदीप उपस्थित थे ।
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