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शाहनहर के पानी लिए मनमानी पर उतरे किसान

बडुखर,(अश्वनी चौधरी)

हिमाचल की सब बड़ी सिंचाई योजना शाहनहर हमेशा सुर्खियों बटोरने में अव्वल रहती है जिसका ताजा मामला धौलपुर और राजपालवां में इन दिनों देखने को मिल रहा है जहां किसान और विभाग आमने सामने की स्तिथि में हैं। किसान अपनी जिद पर अड़े हैं कि उनके खेतों में पानी मिलने के बाद ही वे पानी आगे जाने देंगे। पिछली शाम सोमवार और मंगलवार तक भी यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहा। 2 दिन पानी की बारी होने के बावजूद किसानों ने तीसरे दिन भी पानी रोके रखा। 


नहर के बीच लाठी डंडों और खड़ काने व घास फूस के सहारे पानी को रोक कर किसान अपने खेतों को लबालब भर रहे हैं जबकि बडूखर व इसके आगे इंदौरा, काठगढ़ के किसानों को पानी के लिए छटपटाना पद रहा है।

जानकारी के मुताबिक आलम यह है कि कई किसान 2 से 4 बार तक पानी खेतों में पहुंचाने में कामयाब हो जाते हैं और कहीं बारी के इंतजार में किसान के धान तक सूख जाते हैं। ऐसी सैंकड़ों जगहें हैं जहां किसानों ने नहर में मोटर व पाइप लगा कर दिन रात पानी की चोरी कर रखी है।

कभी दूसरों के हक को न छीनने वाला किसान आज अपने फायदे के लिए दूसरे किसानों का गला घोटने से भी परहेज नहीं कर रहा। 



किसानों द्वारा शाहनहर के ठीक बीच में हर रोज कभी पत्थर कभी डंडे लगाकर घास फूस से पानी को रोकने का प्रयास किया जाता है। जाने अंजाने में ही सही इस तरीके से शाह नहर के पानी को रोकने से कभी भी कोई अनहोनी घटना की संभावना बनी रहती है।

विभाग को तुरंत प्रभाव से सभी किसान कमेटियों से मिल कर पानी की व्यवस्था को लेकर कोई कदम उठाना चाहिए, बिना अनुमति के नहर में पाइप व मोटर लगाना वर्जित किया जाना चाहिए।

इस संबंध में सहायक अभियंता मोहिंदर ठाकुर ने बताया कि किसान संघों से आग्रह किया गया है कि अपनी बारी पर ही पानी लें अन्यथा विभाग को मजबूरन विभागीय कार्यवाही अमल में लाने पड़ेगी।

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