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दादी मां सैल्फी प्वाइंट बना भरमौर में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र

भरमौर,रिपोर्ट

देवभूमि के मंदिरों के खुलने के बाद मणिमहेश सहित भरमौर के विभिन्न मंदिरों में यात्रियों की संख्या में अत्यधिक बढ़ौतरी हुई है। देश के विभिन्न प्रांतों से यात्री भरमौर का रुख कर रहे हैं। वन मंडल भरमौर द्वारा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए दादी मां में बनाया गया सैल्फी प्वाइंट आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बाहरी क्षेत्रों से यात्री भरमौर आ रहे हैं तो सैल्फी प्वाइंट पर रुक कर सैल्फी लेने को मजबूर हो रहे हैं। सैल्फी लेने वालों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है।

इस स्थान से चौरासी मंदिर के प्रथम दर्शन ही नहीं होते हैं बल्कि यहां से हड़सर, प्रंघला, खुंड़, राजौर, पट्टी सहित भरमाणी माता के हरे भरे देवदार, कायल के घने जंगल लोगों का मन मोह रहे हैं। इसके अतिरिक्त घरेड नाले के जल प्रपात, झरने पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। बाहरी क्षेत्रों के पर्यटक ही नहीं बल्कि स्थानीय लोग भी सुबह-शाम सैर करते हुए यहां तक आ रहे हैं। वन मंडल अधिकारी भरमौर सन्नी वर्मा ने बताया कि इस सैल्फी प्वाइंट के समीप एक वन विवेचना केंद्र स्थापित किया जाएगा, जहां बैठकर पर्यटक भरमौर व भरमौर में पाए जाने वाले वन्य प्राणियों के विषय में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसके साथ ही कुछ जगह तैयार कर उस पर घास उगाया जाएगा, जहां लोग आराम कर सकें। इसके साथ ही चिनार, हार शृंगार व देवदार के पौधे लगाए जाएंगे।


उन्होंने बताया कि पार्क के चारों ओर क्यारियां बनाकर उनमें भरमौर में पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियां लगाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा घराड़ू यूको पार्क बनाया रहा है जो  अगले महीने बन कर तैयार हो जाएगा। इसके अतिरिक्त थला वाटर फाल, हड़सर, कुगती, चोली, भरमाणी माता परिसर व होली को विश्व पर्यटक मानचित्र पर लाने का प्रयास कर रहा है जो निश्चित तौर पर लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे। भरमौर की पुरानी संस्कृति को भी उन्होंने साइन बोर्ड के माध्यम से लोगों को रू-ब-रू करवाने का प्रयास किया है। भरमौर जनजातीय क्षेत्र के प्रवेश द्वार लूना से लेकर भरमौर तक सड़क के किनारे बोर्ड लगाए गए हैं।


उन्होंने अधिशासी अभियंता नैशनल हाईवे राजीव शर्मा से आग्रह करते हुए कहा कि यहां सड़क को चौड़ा किया जाए ताकि पर्यटकों को पार्किंग सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त विभाग ने गत वर्ष से 30 हैक्टेयर भूमि पर पौधारोपण कर उनकी देखभाल भी की है। इसमें 90 प्रतिशत पौधारोपण कामयाब हुआ है। उन्होंने कहा कि विभाग भौतिक साधनों के साथ-साथ वनों व पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने वनों को बचाने, उन्हें संरक्षित रखने के लिए आम जनमानस के सहयोग की अपील करते हुए कहा कि कोई भी कार्य हो उसमें जन सहभागिता की जरूरत रहती है। अगर लोग इन जंगलों को बचाने में सहयोग करते हैं तो हम अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ देकर जाएंगे।

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