पालमपुर,रिपोर्ट
दसवीं जमा दो तथा एस ओ एस की परीक्षा करवाने के लिए लिए गए लगभग 20 करोड़ के करीब पैसों का हिसाब शिक्षा बोर्ड सार्वजनिक करे तथा उसे बच्चों के खाते में वापिस करे ताकि जो पैसे जिस उद्देश्य के लिए बच्चों से लिए गए हैं वह पूरा न होने पर उनके पैसे उन्हें वापिस मिल सकें। उक्त शब्द जयसिंहपुर कांग्रेस मंडल के उपाध्यक्ष एवं पूर्व बीडीसी सदस्य जसवंत डडवाल ने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहे। उन्होंने कहा कि दसवीं में लगभग एक लाख 16 हजार बच्चों ने पेपरों के लिए बोर्ड के पास 600 रुपये के हिसाब से लगभग सात करोड़ रुपए बनता है जबकि जमा दो की परीक्षा में लगभग एक लाख छात्रों ने 850 के हिसाब से पैसे दिए हैं जो कि आठ करोड़ से ऊपर राशि इन रेगुलर छात्रों की बनती है बोर्ड के पास जमा करवाई थी।
इसी प्रकार एस ओ एस कंपार्टमेंट के छात्रों को मिलाकर यह राशि 20 करोड़ के करीब होती है उन्होंने कहा कि जबकि इस बार कोरोना महामारी के चलते कोई भी परीक्षा नहीं हो सकी। ऐसे में उन्होंने कहा कि इन बच्चों का पैसा उन्हें वापिस मिलना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस विषय पर अभी तक बोर्ड की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया छात्र हित में नहीं आई है। जसवंत डढवाल ने कहा कि इस संबंध में बोर्ड जल्द अपनी प्रतिक्रिया जारी करे ताकि बच्चों को उनकी राशि वापिस मिल सके। इसके अतिरिक्त जसवंत डढवाल ने कहा कि डेढ़ साल से कोरोना के चलते स्कूल बंद पड़े हुए हैं तथा स्कूल बसें खड़ी-खड़ी सड़ रही हैं। लेकिन सरकार उसमें किसी प्रकार की रियायत प्राइवेट स्कूलों को नहीं दे रही है तथा सारे टैक्स उनसे वसूले जा रहे हैं । उन्होंने कहा कि इस विषय पर भी सरकार गंभीरता से विचार करे तथा निजी स्कूल संचालकों की सहायता करे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की तो कांग्रेस की तरफ से भविष्य में मॉनसून सत्र में चर्चा की मांग कर सकती है।
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