धर्मपुर, रिपोर्ट
पूर्व पंचायत समिति अध्यक्ष कुलदीप सिंह चम्बयाल ने कहा कि बिजली संशोधन विधेयक से देश के सात लाख करोड़ रुपये के व्यवसाय को निजी घरानों को सौंपने का अहम दस्तावेज है। बिजली संशोधन विधेयक 2021 के माध्यम से केंद्र सरकार बिजली आपूर्ति और वितरण नेटवर्क को अलग-अलग कर बिजली वितरण का लाइसेंस लेने की शर्त को समाप्त करने जा रही है। इससे बिजली वितरण के संपूर्ण निजीकरण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस बिल में प्रावधान है कि किसी भी क्षेत्र में एक से अधिक बिजली कंपनियां बिना लाइसेंस लिए कार्य कर सकेंगी। बिजली वितरण के लिए यह निजी कंपनियां सरकारी वितरण कंपनी का आधारभूत ढांचा और नेटवर्क इस्तेमाल करेंगी और कंपनियां केवल मुनाफे वाले औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को ही बिजली देंगी, जिससे सरकारी बिजली कंपनियों की वित्तीय हालत और खराब हो जाएगी। इससे एक ओर जहां कर्मचारियों की पदोन्नति, वित्तीय लाभ व अन्य सेवा शर्तें बुरी तरह से प्रभावित होगी वहीं लगभग 27 हजार पेंशनरों की पेंशन की अदायगी भी खतरे में होगी।
उन्होंने कहा कि हर सरकारी सैक्टर को निजी हाथों को सौंपना सरकार की गलत मनसा को दिखाता है भाजपा सरकार चन्द पूंजीपतियों के हाथों देश की सरकारी सम्पत्ति को धीरे धीरे गीरबी रख रही या बेच रही है और आम जनता पर दिन प्रतिदिन टैक्सरूपी बोझ बिलों और मंहगाई के रूप में पड़ रहा है जो सरकार की नाकामी है।
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