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कुहलों पर लोगों ने कर रखे हैं कब्जे लेकिन सरकार खामोश:लवली कटोच

पालमपुर, रिपोर्ट

युवा कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता लवली कटोच ने कहा असल मुद्दा तो सिंचाई कि कुहलों पर जैसे किरपाल चंद पर अवैध कब्जों का है।  क्या उन्हें भी उखाडा जायेगा किसानो और जनता के हित मे या नही या अवैध कब्जाधारियों को यूँ ही संरक्षण मिलता रहेगा?


उन्होंने कहा कि आजकल सभी पार्टियां और सरकारें अपने आप को देश हितैषी कहती हैं पर वास्तविक स्थिति क्या है। उन्होंने कहा कि पालमपुर के साथ लगती सिंचाई के लिये बनाई गई कुहलों पर अवैध कब्जों की भरमार है। उन्होंने कहा कि पालमपुर से चलकर गढ गांव तक जो शांता कुमार का पेतृक और जन्मभूमि है वहां तक ये सिंचाई के लिये बनाई गई कुहलें जाती हैं पर आज जो सरकार और जल शक्ति विभाग के अधिकारियों कि नाकामियों के कारण इन कुहलों की दुर्दशा देखते ही बनती है। इस कुलह की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है पानी सड़कों पर ओवरफ्लो होता है अवैध कब्जाधारी अपना कचरा इसी में फेंकते हैं। उन्होंने कहा कि इन कुहलों पर प्रभावशाली लोगों द्वारा अवैध कबजे कर डाले है।जिस पर लोगों ने अपने मकान घरों के लिए पक्के रास्ते कंक्रीट के स्लैब डालकर बना डाले हैं। सरकारी संपत्ति और कुहलों पर सरकार सरकार टैेंपोरेरी और रिमोवेबल वो भी कुछ लिमिट तक उपयोग करने कि अनुमति देता है पर वह भी कुछ लिमिट तक पर यहाँ सरकारी संपत्ति और कुहलों पर अवैध कब्जे करने कि एक होड़ सी मची है।उन्होंने कहा कि प्रशासन और जल शक्ति विभाग आंखे मुंद कर बैठा है। मरण्डा हनुमान मंदिर के पीछे कुहलों को देखे तो पायेंगे कई लोगों ने कुहलें तक गायब कर दी हैं और उस पर दुकाने बनाकर काम करे हैं। उन्होंने कहा कि अपने घरों तक पक्के चौडे कंकरीट के स्लैब डालकर जीपेबल रोड बना डाले हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हिम्मत और ये कब्जे करने कि शह कौन ऐसे लोगों को देता है। यह मैटर हाई कोर्ट मे भी था तब कोर्ट ने भवारना नामक स्थान पर काफी कब्जे हटाकर सरकार को निर्देश दिये थे।उन्होंने कहा कि कोर्ट ने साफ कहा था कि सरकार अगर कोई पालिसी भी बनाये तो उसमे ऐसे लोग न हो जिनके पास पहले से काफी संपत्ति होते हुये भी सरकारी संपत्ति पर कब्जा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रभावशाली लोग जो पहले से फाईनैनसियली सांउड है वो इस तरह से सरकारी संपत्ति और जल शक्ति विभाग कि संपत्ति को हडप कर बैठे है। अब तो हालात ये है कि लोग देखते हैं कि अगर उसने सरकारी कुहल घेरी है तो मै भी कंकरीट का सलै्ब डालकर कुछ कंस्ट्रक्शन कर लेता हूँ। खासकर मारंडा नामक स्थान पर हनुमान मन्दिर के पीछे अगर जल शक्ति विभाग अपने ऐरिया कि पैमाईश और डिमारकैशन करवाये तो ये सब तथ्य सच पाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि यह काम उन लोगों के द्वारा ज्यादा किये जायेंगे तो आये दिन फैसबूक सोशल मीडिया पर देशभक्ति कि पोस्टें डालते नजर आते हैं। उन्होंने कहा कि चाईना को सब कोसते है भारत कि जमीन पर कब्जा करने के लिये, पर क्या ऐसे लोगों को सरकारी संपत्ति पर कब्जा करने के लिये बक्शा जाना चाहिये?? उन्होंने कहा कि सरकार हर वर्ष करोडो़ं अरबों कि रकमे खर्च करती है कभी फोरलैन कभी किसी परोजैकट के लिये भूमि अधिग्रहण के लिये पर उन्होंने कहा कि असल मे हमारा मानना तो यह है कि सरकार के पास अपनी सरकारी भूमि ही इतनी है जिस पर ऐसे लोगों द्वारा कब्जा किया गया है तो सरकारों को किसी को मुआवजे देने कि जरूरत ही नही पडेगी।

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