कांगड़ा,पंकज शर्मा
संयुक्त भवन कांगड़ा में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह के द्वारा तैयार किए गए प्राकृतिक ऑर्गेनिक उत्पादों का स्टॉल लगाया गया।
इन उत्पादों का निर्माण विभिन्न गांवों के स्वयं सहायता समूह द्वारा किया गया है। जिन्हें आयुष विभाग द्वारा सहयोग प्राप्त हुआ है। स्थानीय ब्लॉक स्तर पर स्वयं सहायता समूह इस प्राकृतिक ऑर्गेनिक उत्पादों का कार्य कर रहे हैं। और इन्हें स्थानीय ब्लॉक स्तर पर भी सहायता प्रदान की जा रही है।
वर्तमान समय में यह एक ऐसी योजना की शुरुआत है, जिसमें गांवों के लोग मिलकर ऑर्गेनिक खेती कर सकते हैं और उस ऑर्गेनिक खेती से उत्पाद बनाकर उसे अपने स्तर या प्रशासन की मदद से बेच सकते हैं, और अपनी आजीविका को और बेहतर बना सकते हैं।
एसडीम कांगड़ा अभिषेक वर्मा के सहयोग से इन ऑर्गेनिक उत्पादों का यह स्टॉल यहां लगाया गया।
यहां मौके पर उपस्थित जिला कोऑर्डिनेटर डॉ सुनील ने बताया कि स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाई गई उत्पाद पूरी तरह ऑर्गेनिक है। किसानों द्वारा 2019 से औषधीय पौधों की खेती की जा रही है। इन औषधीय पौधों का इस्तेमाल करके गांव के स्वयं सहायता समूह ऑर्गेनिक उत्पाद तैयार कर रहे हैं। जिन्हें बनाने की उन्हें बाकायदा ट्रेनिंग दी जाती है।
इनके द्वारा तैयार उत्पादों में तुलसी अर्क, प्राकृतिक गिलोय, प्राकृतिक काली तुलसी, प्राकृतिक हल्दी आचार, तुलसी का शरबत, माधवगंज जीवामृत, गाय मूत्र का प्रयोग करके फिनाइल और गाय का गोबर प्रयोग करके धूप इत्यादि ऑर्गेनिक उत्पाद बनाए जा रहे हैं।
ऑर्गेनिक उत्पादों को बनाने में डॉक्टर अशोक स्वयं सहायता समूह का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
औषधीय खेती अपनाने का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि बंजर भूमि पर भी कई औषधीय पौधे उगाए जा सकते हैं । इस तरह उस बंजर भूमि का भी उपयोग किया जा सकता है।
मौके पर स्वयं सहायता समूह की तरफ से रविंद्र कुमार, सिमरन और देवराज इस मिशन के तहत आजीविका कमाने वालों के उदाहरण के रूप में मौजूद रहे। जो इन उत्पादों को स्वयं बनाने व बेचने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन उत्पादों को प्रोत्साहन देने और इनकी मार्केटिंग करने की आवश्यकता है। ऐसा करने से लोगों को भी प्राकृतिक उत्पाद मिल सकते हैं, और उन्हें बनाने वालों को एक आजीविका का माध्यम प्राप्त हो सकता है।
एसडीम कांगड़ा ने इन प्राकृतिक उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए पूरा सहयोग करने की बात कही।
इस मौके पर एसडीम कांगड़ा सहित डिस्टिक कोऑर्डिनेटर डॉक्टर सुनील व स्वयं सहायता समूह के सदस्य मौजूद रहे।
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