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लोगों को मिलने वाले मुआवजे को लेकर राकेश पठानिया ने नहीं उठाई आवाज

नूरपुर,संजीव महाजन

पठानकोट मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रस्तावित फोरलेन योजना में नूरपुर क्षेत्र के कंडवाल से लेकर भेड़खड्ड तक करीब चालीस कस्बों की हजारों की संख्या में प्रभावित परिवार उजड़ने वाले हैं । प्रभावितों को योजना के बदले मिलने वाला मुआवजा भी कौड़ियों के दाम पर मिलने वाला है । सरकार की धक्काशाही नीति के चलते मुआवजे के लिए संसद में पारित 2013 के एक्ट को दरकिनार कर 1956 के एक्ट को जबरदस्ती थोप दिया है



 लेकिन नूरपुर के विधायक एवम प्रदेश सरकार में मंत्री का दायित्व निभा रहे राकेश पठानियाँ ने एक बार भी  प्रभावितों के साथ हो रहे इस अन्याय और उनके हकों की रक्षा के लिए एक बार भी किसी फोरम पर आवाज तक नही उठाई ताकि उन्हें उचित मुआवजा मिल पाता । यह आरोप नूरपुर के पूर्व विधायक अजय महाजन ने लगाते हुए मंत्री राकेश पठानियाँ से जानना चाहा कि आखिर उनकी ऐसी कौन सी मजबूरी है कि उनके चुनावी क्षेत्र के चार हजार लोग प्रभावित हो रहे हैं और उनकी बहुमूल्य भूमि , आशियाने और कारोबारी संस्थान उजड़ जाएंगे । प्रभावित लोग पिछले तीन साल से भी ज्यादा अवधि से उचित मुआवजे की मांग के लिए संघर्ष कर रहे हैं और कई बार पठानियाँ से मिल चुके हैं लेकिन प्रभावितों को कोरे आश्वासनों के सिवाय ही कुछ भी हाथ नही लगा  । महाजन ने आरोप लगाया कि मंत्री पठानियाँ की आंखों के सामने 2013 के भूमि अधिग्रहण एक्ट के तहत होने वाले अवार्ड के मुताबिक मिलने वाले मुआवजे को दरकिनार कर 1956 के एक्ट के मुताबिक अवार्ड जारी किए गए और प्रभावितों की बहुमूल्य भूमि के ओने पौने दाम तय किये गए लेकिन इतने बड़े अन्याय के खिलाफ एक बार भी पठानियाँ द्वारा आवाज न उठाना इस बात का प्रमाण है कि वह प्रभावित हो रहे लोगों से कोई हमदर्दी नही रखते जबकि भाजपा ने अपने विजन डॉक्यूमेंट और प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात के तहत फैक्टर दो के हिसाब से चार गुणा मुआवजे की सार्वजनिक घोषणा की हुई थी । 

अजय महाजन ने कहा कि वन मंत्री राकेश पठानियाँ प्रभावितों की आशाओं पर खरा न उतरने और अपनी कथनी अनुसार यदि वह उचित मुआवजा न दिला पाए तो मंत्री पद से अपना त्यागपत्र दे देंगे इस वायदे को पूरा करने की हिम्मत दिखाएं ।

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