शिमला,रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश में इस साल जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार से 2200 करोड़ रुपए हासिल करने का टारगेट है। वार्षिक योजना का जो खाका केंद्र सरकार को दिया गया था, उसे मंजूरी मिल गई है। प्रदेश सरकार के जल शक्ति विभाग ने 800 करोड़ रुपए इन्सेंटिव के रूप में हासिल करने का लक्ष्य रखा है। 1400 करोड़ रुपए मिशन के तहत काम करने को मिलेंगे, तो वहीं 800 करोड़ रुपए के इंसेंटिव के साथ यह राशि 2200 करोड़ रुपए तक होगी। प्रदेश में जल जीवन मिशन से जो गांव छूटेंगे, उनको एडीबी के प्रोजेक्ट के अलावा ब्रिक्स के प्रोजेक्ट से पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। बताया जा रहा है कि टेंडर तय समय पर कर लिए गए हैं। इस पर सभी जोन को निर्देश दिए गए हैं कि टेंडर के अनुसार काम शुरू करवाएं और तय अवधि में काम पूरे हों। जलशक्ति विभाग ने जल जीवन मिशन के तहत चल रहे कार्यों की समीक्षा की है।
जिन जिलों में काम चल रहे हैं, वहां पर इस काम की प्रोगेस रिपोर्ट देखी गई है। पिछले साल हिमाचल को बेहतरीन काम के लिए 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का इंसेंटिव मिला था, जिसे बढ़ाकर अब टारगेट 800 करोड़ रुपए का रखा गया है। वर्ष 2022 तक यह प्रोजेक्ट यहां पर पूरा किया जाना है। जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि हिमाचल प्रदेश ने दूसरे राज्यों से बेहतर काम किया है। दो साल से इंसेंटिव लिया जा रहा है और इस साल बड़ा टारगेट रखा गया है जिससे ज्यादा इंसेंटिव प्रदेश को मिलेंगे। गांव-गांव में पानी पहुंचाने के साथ हर घर को नल देने की व्यवस्था जल जीवन मिशन में की जा रही है।
महेंद्र सिंह ने कुलदीप राठौर को दी प्रूनिंग की चुनौती
महेंद्र सिंह ठाकुर ने बागबानी क्षेत्र को लेकर कहा कि सेब सीजन के लिए तैयारियां कर ली गई हैं। बागबानों को क्रेट में सेब बेचने का एक विकल्प ट्रायल के आधार पर दिया जाएगा। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि वह कांगे्रस के अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर को कैंची लेकर बागीचे में जाने की चुनौती देते हैं, जहां राठौर को बताएंगे कि उन्हें प्रूनिंग करनी आती है या नहीं। बता दें कि राठौर ने बागवाबी मंत्री पर निशाना साधते हुए यह कहा था कि उनके बागबानी के बारे में कुछ भी पता नहीं है। महेन्द्र सिंह ने कहा कि उनके अपने बागीचों में छह हजार सेब पौधे हैं, जिनकी पू्रनिंग वह खुद करते हैं।
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