बैजनाथ रितेश सूद
कोरोना काल मे भी कुछ लोग और कंपनी वाले लोगो से खिलवाड़ कर रहे है,और पैसा कमाने के चक्कर मे प्रयोग किए गए सामान को दोबारा पैक कर लोगों को ठग रहे है,ऐसा ही एक मामला बैजनाथ में देखने को मिला,जहां एक संस्था दवारा आशा वर्कर को दी गई कीटों में से खून से सने हुए और इस्तेमाल किए हुए ग्लब्ज निकले,शनिवार को एक संस्था ने बैजनाथ के बचत भवन जिला चिकित्सा अधिकारी की उपस्थिति में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था,जिसमे 35 आशा वर्कर्स को किट वितरित की थी।
आशा वर्कर्स ने जब किट को घर जाकर खोला, तो उसमें बाकी समान तो नया था,पर ग्लब्जो में खून लगा था और यह सारे ग्लब्ज इस्तेमाल किए हुए थे।प्रदेश में इस प्रकार का यह पहला मामला है कि जब आशा वर्कर्स को इस्तेमाल किए हुए ग्लव्ज मिले हो,इससे पहले देश की राजधानी दिल्ली में ऐसा मामला सामने आया था,जब ग्लब्जो को धोकर फिर से किट में डालकर इस्तेमाल करने को दे दिए थे,जिस सामाजिक संस्था ने यहां पर आशा वर्कर्स को यह किटें दी है,वो सामाजिक संस्था भी दिल्ली से संबंध रखती है।ऐसे में सवाल उठता है कि हो सकता है कि दिल्ली में जिस कंपनी ने इस्तेमाल किए हुए ग्लव्ज की सप्लाई दी थी,हो सकता है कि इस संस्था ने भी उसी कंपनी से ग्लब्ज खरीदें हो।सरकार को इस मामले में कदम उठाना चाहिए, और इस मामले की जांच करनी चाहिए।इस बारे में खंड चिकित्सा अधिकारी रमेश डोगरा का कहना है कि उन्हें शिकायत मिली है कि जो ग्लव्ज आशा वर्कर्स को मिले है,वो इस्तेमाल किए हुए है,संस्था ने सभी कीटों को बदलने के लिए कहा है।
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