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हिमाचल दिवस पर भी कर्मचारियों की मांग न मानकर सरकार ने किया धोखा

मुख्यमंत्री दे रहे अनुबंध कर्मचारियों को तारीख पे तारीख


हिमाचल दिवस पर भी कर्मचारियों की मांग न मानकर सरकार ने किया धोखा



  • नूरपुर ( संजीव महाजन )


जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं नूरपुर के पूर्व विधायक अजय महाजन ने मुख्यमंत्री पर प्रदेश के अनुबंध कर्मचारियों से धोखा करने का संगीन आरोप लगाया है। महाजन ने कहा कि हाल ही में सम्पन्न हुए नगर निगम के चुनावों में मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों, विधायकों ने कर्मचारियों के बोट बटोरने के लिए अनुबंध कर्मचारी संगठनों की मांगों को मानने की प्रतिबद्धता दिखाई थी लेकिन हिमाचल दिवस पर अनुबंध कर्मचारियों की अनुबंध की अवधि 3 वर्ष से 2 बर्ष करने की  चिरलम्बित मांग को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूरा न कर कुठारघात किया है।



महाजन ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पिछले साढ़े 3 सालों से अनुबंध कर्मचारियों को तारीख पे तारीख देकर गुमराह कर रहे है। भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनावों में अपने घोषणा पत्र में यह वायदा किया था कि सत्ता में आने पर वो अनुबन्ध कार्यकाल को 2 वर्ष कर देगी। और इसी आस में  अनुबन्ध कर्मचारी जोकि पिछले लम्बे समय से अनुबन्ध की अवधि को 3 वर्ष से घटा कर 2 वर्ष करने की मांग को ले कर कई मर्तबा मुख्यमंत्री से ले कर एक एक भाजपा विधायक से मिल चुके हैं।



 

लेकिन सरकार का चौथा साल होने को है व सरकार ने सिवाय निराशा के कर्मचारियों को कुछ नही दिया। पहले सरकार यह कहती रही कि 50वें पूर्ण राजयत्व के अवसर पर 25 जनवरी को  इसकी घोषणा करेंगे ,फिर कर्मचारियों को दिलासा दिया गया कि बजट में इसका प्रावधान करेंगे वो भी नही किया और आज हिमाचल दिवस पर भी कर्मचारियों की आस को सरकार ने धूमिल कर दिया। महाजन ने कहा कि जयराम सरकार अपने अभिन्न अंग सरकारी कर्मचारियों के प्रति जरा भी जिम्मेवार और प्रतिबद्ध नही है जिसका खामियाजा आने वाले विस चुनावों में सरकार को भुगतना पड़ेगा। महाजन ने आरोप लगाते हुए कहा कि इसके साथ ही सरकार ने कोविड कि आड़ में बंद किये गए महंगाई भत्ते की किश्त को भी  पुनः प्रदान नही किया व कर्मचारियों द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष में    लेकिन सरकार के लापरवाह मंत्रियों ने उस राशि का प्रयोग भी जरुतमन्द लोगों की बजाय अपनी ही पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को खुश दी गयी राशि को जरूरतमंद लोगों को देने बजाय पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को खुश करने में लगाया गया।

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