- शिमला,रिपोर्ट
सरकार ने निर्णय लिया है कि मेडिकल कालेज के वार्डों में कोरोना संक्रमित मरीज नहीं रखे जाएंगे।इनका उपचार मेक शिफ्ट अस्पताल में ही किया जाएगा। यहां पर इन मरीजों के उपचार के लिए अलग से स्टाफ तैनात किया गया है।
वहीं,सरकार ने ये भी निर्णय लिया है कि मेेडिकल कालेज में ओपीडी बंद नहीं होगी।डाक्टर मास्क लगाकर मरीजों का उपचार करते रहेंगे। सरकार ने संक्रमित मरीजों के लिए राज्य में 70 एंबुलेंस स्पेयर रखी है।ये एंबुलेंस घर पर आइसोलेट मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में मदद करेगी।
सभी जिलों को एंबुलेंस अपने हिसाब से कोविड मरीजों के लिए मुहैया करवानी होगी। इसके लिए वे किसी तरह का बहानाबाजी नहीं कर सकते। 108 और 102 एंबुलेंस की मदद से घर पर आइसोलेट मरीजों को अस्पताल पहुंचाया जाएगा, जब उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो जाएगी। बकायदा घर पर आइसोलेट मरीजों का रोजाना स्वास्थ्य विभाग को हाल पुछना होगा, ताकि अगर मरीज की तबीयत ज्यादा खराब होती है तो उसे अस्पताल शिफ्ट किया जा सके।
सरकार ने अन्य लोगों की सुविधाओं को देखते हुए ये भी निर्णय लिया है कि किसी भी अस्पताल या फिर मेडिकल कालेज में ओपीडी किसी भी सुरत में बंद नहीं होगी। ओपीडी में मरीजों का चैकअप होता रहेगा। डाक्टर मास्क लगाकर मरीजों के स्वास्थ्य की जांच करते रहेगे।
राज्य में चार मेक शिफ्ट अस्पताल बनाए जाने हैं। इनमें से तीन बनकर तैयार हो चुके हैं। नालागढ़, शिमला आईजीएमसी, टांडा मेडिकल कालेज में भी मेक शिफ्ट अस्पताल शुरू हो चुके हैं।यहीं पर कोविड संक्रमित मरीजों का उपचार किया जा रहा है, जबकि नेरचौक में अभी मेक शिफ्ट अस्पताल बन कर तैयार नहीं हुआ है। कुछ दिनों में यहां पर भी अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा, जिसके बाद यहां पर कोविड मरीजों का उपचार होगा।
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