मेडिकल कॉलेज टांडा में मृत व्यक्ति द्वारा किए गए अंगदान को ट्रांसप्लांट करने की सुविधा शुरू हो जाएगी। इससे पहले यह सुविधा पीजीआई चंडीगढ़ में होती रही है। आज टांडा मेडिकल कॉलेज में इस विषय के ऊपर ही सेमिनार आयोजित किया गया। जिसमें मृत व्यक्ति द्वारा किए गए अंगदान को किस तरह ट्रांसप्लांट किया जाएगा, इस विषय पर टांडा मेडिकल कॉलेज के प्रमुख डॉक्टरों और प्रशिक्षु डॉक्टरों के साथ पीजीआई चंडीगढ़ के सर्जरी और ट्रांसप्लांटेशन के डॉक्टरों ने अपने अनुभवों को सांझा किया।
डॉक्टर राकेश चौहान एसोसिएट प्रोफेसर मेडिकल कॉलेज टांडा में कार्यरत हैं जो मेडिकल कॉलेज टांडा में सर्जरी और किडनी ट्रांसप्लांट करने का कार्य करेंगे। इन्होंने इस कार्य का अनुभव पीजीआई चंडीगढ़ से प्राप्त किया है। डॉ राकेश चौहान एसोसिएट प्रोफेसर के प्रयासों से आज टांडा मेडिकल कॉलेज में इस सेमिनार का आयोजन और इस सुविधा का जल्दी ही शुरुआत हो पाना मुमकिन हुआ है। डॉक्टर राकेश चौहान ने बताया कि प्रिंसिपल टांडा मेडिकल कॉलेज भानु अवस्थी ने उन्हें इस कार्य को करने के लिए पूर्ण सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान किया। जिसके फलस्वरूप यह सुविधा टांडा में शुरू हो पा रही है।
प्रिंसिपल भानु अवस्थी ने बताया मेडिकल कॉलेज टांडा अगले 5 वर्षों के लिए सर्जरी और किडनी ट्रांसप्लांट करने की सुविधा के लिए रजिस्टर हो गया है। और जैसे ही कोई ऐसा मरीज टांडा मेडिकल कॉलेज में आता है। जो अंगदान की सुविधा के लिए पात्र हो ऐसा मरीज मिलते ही इस सुविधा को टांडा मेडिकल कॉलेज में शुरू कर दिया जाएगा।
उपस्थित सभी डॉक्टरों ने जनसाधारण से यह अपील की है, कि अंगदान के महत्व को समझे और लोगों में अंगदान करने की भावना पैदा करने में मदद करें। क्योंकि एक मृत व्यक्ति जिसका शरीर मरने के उपरांत निष्क्रिय हो जाता है। यदि समय रहते उसके महत्वपूर्ण अंगों को कंजरवेट कर लिया जाए तो यह अंग आम जरूरतमंद कई जिंदगियों को नई जिंदगी दे सकती हैं। आए दिन कई हादसे होते हैं जिसमें कई लोगों की जान चली जाती है, और कई लोग अपने जीवन बचाने की जद्दोजहद में हॉस्पिटल में दम तोड़ देते हैं। यदि उस मृत व्यक्ति के अंगों को समय रहते सुरक्षित कर लिया जाए किसी जरूरत वाले व्यक्ति को समय रहते दे दिया जाए तो इस संसार में इस कार्य से बड़ा कोई पुण्य कार्य नहीं हो सकता। केवल जरूरत समाज में लोगों की सोच बदलने की है और मरने वाले व्यक्ति के शरीर के अंगों की उपयोगिता समझने की है।
इस मौके पर मेडिकल कॉलेज टांडा की तरफ से अंगदान करने वाले परिवारों को स्मृति चिन्ह देकर उनका धन्यवाद किया गया । और इन परिवारों के सदस्यों ने अपने अनुभवों को सभी के सामने प्रस्तुत किया और अंगदान करने के प्रति समाज को जागरूक करने की अपील की ।
अंगदान करने वाले परिवारों में ऊना से सुषमा जिन्होंने अपनी किडनी और कॉर्निया दान किया, हमीरपुर से वर्षा शर्मा जिन्होंने अपनी किडनी और कॉर्निया दान किया, मास्टर आदित्य कटोच आर्मी पब्लिक स्कूल कांगड़ा इन्होंने अपना कॉर्निया, किडनी और लीवर दान किया, और त्रिलोक सिंह कांगड़ा इन्होंने अपनी किडनी और कॉर्निया दान किया।
इस मौके पर डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन हिमाचल प्रदेश डॉक्टर रजनीश पठानिया, टांडा मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल भानु अवस्थी, पीजीआई से किडनी ट्रांसप्लांट हेड डॉ आशीष शर्मा, रोटो पीजीआई नोडल ऑफिसर डॉक्टर विपिन कौशल और डॉक्टर राकेश चौहान एसोसिएट प्रोफेसर सर्जरी और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन टांडा आदि उपस्थित रहे।
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