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केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा 1 से लेकर 9वीं तक में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू

कक्षा 1 से 9वीं तक.. जानिए केंद्रीय विद्यालयों में किस क्लास में कैसे होगा एडमिशन



  • नई दिल्ली, रिपोर्ट

  • केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा 1 से लेकर 9वीं तक में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस आर्टिकल में आपको बताया जा रहा है कि इन स्कूलों किस क्लास के लिए किस तरह दाखिले लिए जाते हैं।
    देशभर के 1200 से ज्यादा केंद्रीय विद्यालयों में क्लास 1 से लेकर 9वीं तक में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहली कक्षा के लिए 01 अप्रैल से ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन चल रहे हैं। वहीं क्लास 2 से 10वीं तक के लिए गुरुवार, 08 अप्रैल 2021 से ऑफलाइन आवेदन शुरू हो चुके हैं।


केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) इस पूरी एडमिशन प्रक्रिया के लिए अपनी वेबसाइट kvsangathan.nic.in पर दिशानिर्देश जारी कर चुका है।


इस आर्टिकल में आपको बताया जा रहा है कि केंद्रीय विद्यालयों में किस क्लास में एडमिशन की क्या प्रक्रिया है। साथ ही सभी के लिंक्स भी दिए जा रहे हैं।


क्लास-1


केंद्रीय विद्यालयों में पहली कक्षा में सभी फ्रेश एडमिशन लिए जाते हैं। जबकि इसके बाद खाली सीटों की संख्या के आधार पर सीमित एडमिशन होते हैं। कोई एडमिशन टेस्ट नहीं लिया जाता। केवि क्लास-1 में क्रमवार तरीके से एडमिशन लिए जाते हैं। सभी क्रम नीचे बताए जा रहे हैं-

पहला लॉट -


आरटीई के नियमों के तहत 25% सीटें भरी जाती हैं। यानी अगर एक क्लास में 40 सीटें हैं, तो 10 पर आरटीई के तहत दाखिले होते हैं। इसमें किन स्टूडेंट्स का एडमिशन होगा, यह आवेदनों में से निकाले गए लॉटरी ड्रॉ से तय होता है।

दूसरा लॉट -


सभी वर्गों के दिव्यांग उम्मीदवारों की सीटें लॉटरी के जरिए भरी जाती हैं। इनमें भी आरक्षित वर्गों को प्राथमिकता मिलता है।

तीसरा लॉट -


अब जो सीटें बचती हैं, उनपर कैटेगरी की प्राथमिकता के अनुसार एडमिशन दिए जाते हैं। प्राथमिकता किन आधारों पर मिलती है, इसकी जानकारी आप आगे दिए गए केवीएस एडमिशन गाइ़डलाइंस लिंक पर क्लिक करके पा सकते हैं।

चौथा लॉट -


तीसरे राउंड के बाद अगर आरक्षित वर्गों की सीटें खाली रह जाती हैं, तो उन्हें कैटेगरीज की प्रायॉरिटी के आधार पर भरा जाता है।

पांचवां लॉट -


इन सभी प्रक्रियाओं के बाद भी अगर सीट्स खाली रह जाती हैं, तो उन्हें अनारक्षित श्रेणी की प्रायॉरिटी लिस्ट के आधार पर भरा जाता है। आरक्षित वर्गों की रिक्त सीटें खाली ही छोड़ी जाती हैं।

छठा लॉट -


आरक्षित वर्गों (RTE, SC, ST, OBC) की इन खाली सीटों के लिए संबंधित केंद्रीय विद्यालय द्वारा उसी साल अगस्त में फिर से नया विज्ञापन निकाला जाता है। इसके लिए ऑफलाइन आवेदन लिए जाते हैं। इस बार अगर आरटीई के लिए विद्यार्थी नहीं मिलते, तो उनकी सीटें अनारक्षित कर दी जाती हैं।

क्लास 2 से 8


इन कक्षाओं में वैकेंसी (खाली सीटें) के आधार पर उतने ही एडमिशन लिए जाते हैं। केंद्रीय विद्यालयों में क्लास 2 से 8वीं तक में एडमिशन के लिए भी कोई टेस्ट नहीं लिया जाता। प्रायॉरिटी कैटेगरी सिस्टम के आधार पर ही एडमिशन दिए जाते हैं।

अगर खाली सीटों की संख्या से ज्यादा आवेदन हुए, तो लॉटरी सिस्टम से स्टूडेंट्स का चुनाव किया जाता है। यहां सभी केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा 6 और ऊपर की क्लासेस में सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटा के तहत भी एडमिशन होते हैं।

क्लास-9


केंद्रीय विद्यालयों में 9वीं कक्षा में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा ली जाती है। इस परीक्षा के आधार पर सभी प्रायॉरिटी कैटेगरी की अलग-अलग मेरिट लिस्ट तैयार होती है। फिर प्रायॉरिटी कैटेगरी के क्रम के अनुसार एडमिशन दिए जाते हैं। टेस्ट में स्टूडेंट्स से हिन्दी, मैथ्स, साइंस, इंग्लिश और सोशल साइंस विषयों से सवाल पूछे जाते हैं। परीक्षा 3 घंटे की होती है, जिसमें कुल 100 सवाल होते हैं। क्वालिफाई करने के लिए कम से कम 33% अंक लाना अनिवार्य है। वहीं, एससी, एसटी व दिव्यांग श्रेणी के स्टूडेंट्स के लिए क्वालिफाईंग मार्क्स 25% है।

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