- शिमला,रिपोर्ट
1975 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश मे आपातकाल लगा दिया था। इस दौरान सरकार के खिलाफ बोलने वाले कई लोगों को जेल भी जाना पड़ा था और यातनाएं भी झेलनी पड़ी थी। हिमाचल प्रदेश के भी कई लोगों ने इस दौरान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला और जेलों में गए। सरकार ने आपातकाल में जेल गए लोगों को सम्मान देने के लिए शिमला में लोकतंत्र प्रहरी सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया और लोगों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि 25 जून 1975 का दिन देश के संविधान के लिए कुठाराघात था। आजादी होने के बावजूद भी लोगों के अधिकार छीने गए थे और सरकार के खिलाफ बोलने वाले लोगों को जेल में डाल कर यातनाएं दी गई। ऐसे दौर में भी जिन लोगों ने लोकतंत्र को बचाने के लिए अपनी आवाज बुलंद की। उन लोकतंत्र के प्रहरियों को सम्मान देने के लिए सरकार ने विधानसभा में कानून लाकर सम्मान राशि देने का भी निर्णय लिया है और आज शिमला में लोगों को सम्मानित भी किया गया है। युवाओं को इतिहास की जानकारी होनी चाहिए इसलिए सरकार ने यह कानून बनाया है।
वहीं, सम्मान पाने वाले लोगों ने बताया कि सरकार ने एक पहल की है और लोकतंत्र को बचाने के लिए आपातकाल में जो दौर उन्होंने देखा है वह बहुत ही भयानक था। इंदिरा गांधी ने अपनी सरकार बचाने के लिए संविधान के दिये हुए अधिकारों को खत्म कर दिया था। लेकिन स्वयं सेवी लोगों ने हार नहीं मानी और लोकतंत्र को बचाने के लिए सरकार के खिलाफ आंदोलन किया और 1977 में आज के ही दिन आपातकाल को हटाने में कामयाबी हासिल की।
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