हिमाचल प्रदेश देवभूमि है, देवों के महादेव भोलेनाथ की प्रिय वस्तु भांग जो की शिव बूटी के नाम से ही प्रदेश में जानी जाती है। इस बूटी का प्रदेश की जनता के जीवन में बहुत बड़ा महत्व रहा है, आर्थिक, सांस्कृतिक तथा औषधीय दृष्टिकोण से यहां की जनता के जीवन का हिस्सा रही है। ब्रिटिश शासन काल के दौरान 1894 मैं ब्रिटिश सरकार ने इसे देश में गैरकानूनी घोषित कर दिया, क्योंकि उस समय ब्रिटिश शासकों को अपनी अंग्रेजी शराब का व्यापार का प्रसार करना था। किसान नेता मंजीत डोगरा ने कहा की देश की आजादी के 74 वर्षों के बाद भी अंग्रेजों
द्वारा बनाए गए कानूनों का लागू होना विडंबना है, किसान नेता ने कहा कि देश में आज तक शासन करने वाली सरकारों ने इस बूटी उपयोगिता को गंभीरता से नहीं लिया ना ही इस बूटी की सार्थकता को ध्यान में रखकर कोई ठोस नीति निर्धारित की गई। मंजीत डोगरा ने हिमाचल प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस बूटी की उपयोगिता को देखते हुए इसकी खेती को कानूनी रूप प्रदान किया जाए तथा इसके विभिन्न उत्पादों जैसे रेशा, बीज, औषधीय गुण के आधार पर प्रदेश में उद्योगों का विकास किया जाए जिस से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नया आयाम मिलेगा, वहीं पर बूटी के पौधों के गुण के आधार पर भू सरंक्षण को बल मिलेगा तथा औषधीय गुण के कारण पर्यावरण में शुद्धता तथा प्रदूषण को कम करने में सहयोगी होगी l
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