नूरपुर हल्के की अनेक पंचायते उतरी फोरलेन पीड़ितों के पक्ष में
निर्माण कार्य के लिए जरूरी पंचायत द्वारा जारी होने वाला एनओसी जारी करने से किया इन्कार
अवार्ड विनाशकारी,पुर्नवास असंभव
परियोजना एक तो अवार्ड अलग-अलग क्यों
नूरपुर/सुलयाली (संजीव महाजन)
जिला कांगड़ा में पठानकोट मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रस्तावित फोरलेन योजना के तहत हो रहे भूमि अधिग्रहण पर अन्यायपूर्ण अवार्ड देने के खिलाफ तथा प्रभावित हो रहे लोगों के पक्ष में अब स्थानीय पँचायत प्रतिनिधि भी उतर आए हैं । रविवार को नूरपुर क्षेत्र के तहत आती कंडवाल , पक्का टियाला , नागाबाड़ी , बासा आदि पँचायत प्रधानों की नागाबाड़ी में हुई संयुक्त बैठक में निर्णय लिया गया कि उनकी पंचायतें उक्त परियोजना पर निर्माण कार्य शुरू करने के लिए एनएचएआई को जरूरी अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नही करेगी।
बासा पँचायत प्रधान करनैल सिंह , कंडवाल से नरेंद्र कुमार , पक्का टियाला से सरिता देवी , नागाबाड़ी से रंजन मोहन द्वारा रविवार को जारी संयुक्त व्यान में अपनी पंचायतों के प्रभावितों के पक्ष में बोलते हुए कहा कि फोरलेन योजना में इन लोगों को जो मुआवजा दिया जा रहा है वह बहुत कम है इतने कम मुआवजे में उनकी पंचायतों के प्रभावित लोगों का नए स्थान पर पुनर्वास होनाअसम्भव है तथा मुआवजे के तौर पर जितने पैसे उन्हें मिल रहे है उससे कई लोगों के घरों को उखाड़ने का भी खर्चा पूरा नही होगा । प्रधानों अनुसार प्रशासन द्वारा जारी अवार्ड के मुताबिक जो मुआवजे की रकम मिलनी है उससे नया आशियाना तो क्या किसी बंजर या खड्ड वाले क्षेत्र में भी जमीन नही मिल सकती लिहाज़ा वे अपने क्षेत्र के लोग जिनमें अधिकतर पौंग बांध विस्थापित हैं उन्हें इस कदर बर्वाद होते हुए नही देख सकते।
उधर फोरलेन संघर्ष समिति नूरपुर ने प्रभावित लोगों के पक्ष में उतरने तथा अन्यायपूर्ण मुआवजे पर उक्त पंचायतों के समर्थन पर संतोष व आभार प्रकट किया है । समिति महासचिव विजय सिंह हीर ने कहा कि उक्त परियोजना के कारण कंडवाल से भेदखड्ड तक उजड़ रहे करीब 4 हजार परिवारों का दर्द जो पँचायत प्रतिनिधियों ने बखूबी समझा है और अपना नैतिक समर्थन देकर प्रभावित लोगों की आवाज को बल दिया है । समिति शीघ्र ही भूअर्जन अधिकारी के कार्यालय समक्ष धरना प्रदर्शन के लिए अंतिम रूप दे रही है । समिति ने अन्य पंचायतों से भी आह्वाहन किया कि उक्त परियोजना जिन जिन पंचायतों के लोगों को प्रभावित कर रही है उन पंचायतों के प्रतिनिधि भी अपने लोगों के हकों की आवाज बनकर आगे आएं।
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