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पांवटा साहिब में चीन के खिलाफ सड़कों पर उतरे तिब्बती


  • सिरमौर,रिपोर्ट
    तिब्बत राष्ट्र विद्रोह दिवस की 62वीं वर्षगांठ पर तिब्बतियन सेटलमेंट की महिलाओं ने चीन के खिलाफ पांवटा साहिब में रैली निकाली। इस दौरान महिलाओं ने विश्व में कोरोना किसने फैलाया, चीन लाया चीन लाया..., तिब्बतियों पर अत्याचार बंद हो..., नारे लगाते हुए चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गुस्साई महिलाओं ने संयुक्त राष्ट्र संघ से पंचेम लामा समेत अन्य राजनीतिक बंदियों को रिहा करवाने के लिए दबाव बनाने और चीन की दमनकारी नीतियों पर अंकुश लगाने की अपील की।




प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय तिब्बती महिला संगठन अध्यक्ष डोल्मा यांगचेन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को तिब्बत मामले में आवाज उठा कर न्याय करना होगा। उन्होंने कहा कि 14वें दलाई लामा के प्रतिनिधियों से वार्ता की जाए। जबरन बंदी बनाए गए पंचेम लामा को बिना शर्त रिहा करें। तिब्बत में मानवाधिकार स्थिति को चीन बेहतर बनाए। शुक्रवार को तिब्बती महिला संगठनों ने भूपपुर से मुख्य बाजार होकर पांवटा लघु सचिवालय तक रैली निकाली। इस दौरान चीन के खिलाफ रैली में जमकर नारेबाजी की।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि 10 मार्च 1959 को तिब्बत की राजधानी ल्हासा में चीन की नीतियों के खिलाफ विद्रोह को याद रखा जाएगा जिसमें चीनी सैनिकों ने कई तिब्बतियों को मार डाला था। उन्होंने कहा कि उस दिन से आज तक तिब्बत के लोग विभिन्न राष्ट्रों में रहकर भी तिब्बत की आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। चीन की दमनकारी नीतियों को रोकने के लिए भारत समेत विश्व समुदाय से सहायता मांग रहे हैं। इस दौरान तिब्बतियन सेटलमेंट पांवटा भूपपुर, पुरुवाला, सतौन और कमरऊ तिलौरधार तिब्बतन सेटलमेंट की महिला पदाधिकारी और सदस्यों ने रैली में भाग लिया।
साभार अमर उजाला

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