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कोरोना वैक्सीन लेने के 27 दिन बाद महिला चिकित्सक पॉजिटिव


  • सोलन,रिपोर्ट
    क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में शुक्रवार को एक महिला चिकित्सक का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। यह वही महिला चिकित्सक हैं, जिन्हें जिला सोलन में सबसे पहले कोरोना का टीका लगा था। वीरवार को उनका स्वास्थ्य बिगड़ा था, जिसके कारण उनका रैपिड एंटीजन किट के जरिये टेस्ट करवाया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हालांकि चिकित्सक होम आइसोलेशन पर चली गई हैं। यह चिकित्सक कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के करीब 27 दिन बाद पॉजिटिव आई हैं। जिले में अभी तक करीब 15 हजार लोगों को कोरोना वैक्सीन दी है। इनमें यह पहला मामला पॉजिटिव आया है। डा. शालिनी को 15 जनवरी को सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल में पहली डोज दी थी। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. मुक्ता रस्तोगी ने बताया कि चिकित्सक का आरटीपीसीआर टेस्ट भी करवाया गया है। इसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है।



यह डरने की बात नहीं


'यह संभव है। वैक्सीन के संदर्भ में केंद्र सरकार की गाइडलाइंस स्पष्ट हैं। चिकित्सक को 13 फरवरी को वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई थी। मान लीजिए कि कोई वैक्सीन 70 फीसद तक कारगर है, तो जाहिर है कि 20 या 30 फीसद कारगर नहीं भी हो सकती है। दूसरे, हर व्यक्ति के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता एक जैसी नहीं हो सकती। वैसे भी, वैक्सीन के बाद प्रतिरोधक क्षमता बढऩे में कुछ समय लगता है। संभव है कि कुछ लोगों की क्षमता कम हो, इसीलिए शारीरिक दूरी और मास्क के प्रयोग की सलाह दी जा रही है। जिले में 15000 लोगों को वैक्सीन दी गई है, एक पॉजिटिव मामला आने से वैक्सीन पर सवाल नहीं उठाए जा सकते। इसमें डरने की कोई बात नहीं है।
-डॉ. निपुण जिंदल, मिशन निदेशक
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हिमाचल प्रदेश

'महिला चिकित्सक का कोरोना पॉजिटिव होना असाधारण घटना नहीं है। वैक्सीन संक्रमण से बचाती है और प्रतिरोधक क्षमता कम होने से संक्रमण हो ही जाए तो बड़े रोग से बचा लेती है।
- डॉ. राजेश शर्मा, सेवानिवृत्त प्रोफेसर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज टांडा, कांगड़ा

साभार दैनिक जागरण

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