हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को वर्ष 2021-22 के लिए 50,192 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। बजट में रोजगार, कर्मचारियों समेत अन्य वर्गों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। कोरोनाकाल में पेश किए गए चौथे बजट में खजाना खाली होने के बावजूद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हर किसी को सौगात की डोज देने की कोशिश की है। महाशिवरात्रि और होली के महीने में घोषणाओं की झड़ी से लोगों को झूमने का मौका मिला है। हालांकि, कोरोना के दौरान विकास दर माइनस 6 फीसदी तक गिरने पर सभी घोषणाओं को अमलीजामा पहनाया जा सकेगा या नहीं, यह बड़ा प्रश्न है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 की बजट घोषणाओं में आने वाले विधानसभा और नगर निगम चुनावों को ध्यान में रखा गया है। एक लाख से अधिक कर्मचारियों और दैनिक वेतन भोगियों का मानदेय बढ़ाया गया है। प्रदेश में न्यूनतम दिहाड़ी 25 रुपये बढ़ाई गई है। अब 275 रुपये के बजाय 300 रुपये मिलेंगे। बजट में 30 हजार से अधिक कार्यमूलक पदों को चरणबद्ध तरीके से भरने की घोषणा की गई है। स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 4000 पद भरे जाएंगे। शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 4000 पद भरे जाएंगे। शिक्षा विभाग में मल्टी टास्क वर्करों के 8000 पद भरे जाएंगे। लोक निर्माण विभाग में मल्टी टास्क वर्करों के 5000 पद भरे जाएंगे।
जलशक्ति विभाग में पैरा फीटर, पंप ऑपरेटर और मल्टी टास्क वर्करों के 4000 पद भरे जाएंगे। इसके अलावा पुलिस, बिजली बोर्ड, जेई, सहायक अभियंता, पशुपालन विभाग में विभिन्न श्रेणियों के पद, जेओए आईटी के पद और चतुर्थ श्रेणियों कर्मचारियों के भी कई पद भरे जाएंगे। शिक्षा क्षेत्र के लिए 2021-22 में 8024 करोड़ रुपये का प्रावधान है। टॉप 100 छात्रवृति योजना शुरू की जाएगी। जिसमें पांचवीं कक्षा के बाद सरकारी स्कूलों के 100 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का एससीईआरटी की ओर से चयन किया जाएगा। चयनित बच्चों को नियमित मूल्यांकन के आधार पर छात्रवृति प्रदान की जाएगी। इसके अलावा रोजगार मेलों व कैंपस साक्षात्कारों के माध्यम से 7,000 बेरोजगारों को निजी उद्योगों में रोजगार दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने ऊना में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क और नालागढ़ में मेडिकल डिवाइस पार्क के प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास मंजूरी को भेजे हैं। इन दोनों पार्कों में 25 हजार लोगों को रोजगार मिलेंगे। बल्क ड्रग पार्क में आठ हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा और यहां करीब 15 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। एक हजार करोड़ का अनुदान मिलेगा। नालागढ़ में 261 करोड़ से मेडिकल डिवाइस पार्क में पांच हजार करोड़ का निवेश होगा। 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। आंगनबाड़ी कार्यकताओं का मानदेय प्रतिमाह 500 रुपये बढ़ाने की घोषणा। मिनी आंगनबाड़ी कार्यकताओं का मानदेय प्रतिमाह 300 रुपये बढ़ाने की घोषणा। आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय प्रतिमाह 300 रुपये बढ़ाने की घोषणा। सीएम ने बजट में शगुन योजना की घोषणा की। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के बीपीएल परिवारों की बेटियों को विवाह के समय 31 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इस योजना पर 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
किसका कितना बढ़ा मानदेय
पद कुल संख्या प्रतिमाह मानदेय बढ़ा
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 18386 500
मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 539 300
आंगनबाड़ी सहायिका 18386 300
आशा वर्कर 7964 750
पंचायत चौकीदार 3226 300
सिलाई शिक्षक 1843 300
जलवाहक शिक्षा विभाग 4939 300
वाटर गार्ड 6220 300
पैरा फिट्टर, पंप आरपेटर 1104 300
मिड डे मील वर्कर 21,234 300
राजस्व चौकीदार 1871 300
राजस्व लंबरदार 3200 300
आईटी शिक्षक आउटसोर्स 1340 500
एसएमसी शिक्षक 2555 500
पीजी एवं अन्य मेडिकल विद्यार्थी 550 5000
दैनिक वेतन भोगी 10000 25 रुपये प्रति दिन
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 20 वर्ष की सेवा पूरा करने के बाद मिलने वाली वेतन वृद्धि में विसंगति को दूर किया जाएगा जिससे सभी कर्मचारियों को यह वेतन वृद्धि 20 वर्षों की अवधि पूरा होने के बाद एक समान मिल सकेगी। अभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मिनिस्ट्रियल कैडर में एलडीआर व बारी आने पर पदोन्नत हो सकते हैं। लेकिन अब कनिष्ठ सहायक आईटी के पद पर भी पदोन्नत हो सकेंगे। सेवानिवृत सरकारी कर्मियों के चिकित्सा बिलों के भुगतान के लिए बजट बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। जिला स्तर पर कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने के लिए जिलों में सरकारी आवासों के रख-रखाव एवं मुरम्मत के लिए 36 करोड़ रुपये के प्रावधान प्रस्तावित किया गया है।
सरकारी कार्यालयों की उचित देखभाल के लिए भी 115 करोड़ रुपये व सरकारी आवासीय भवनों के रख-रखाव के लिए 42 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है। आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में राज्य अंशदान को 750 रुपये प्रति माह बढ़ाने की घोषणा की गई है। प्रदेश सरकार 143 ‘आयुष वेलनेस सेंटर’ स्थापित करेगी। योग को बढ़ावा देने के लिए आयुष विभाग प्रशिक्षित योग मार्गदशकों का समूह तैयार करेगा जो निजी क्षेत्र में सेवाएं देने के लिए उपलब्ध होंगे। मेडिकल कॉलेज शिमला,टांडा, नाहन, हमीरपुर, चंबा और नेरचौक व दंत चिकित्सा कॉलेज शिमला के आधारभूत ढांचे और इनमें समुचित सेवाओं पर 2020-21 में 772 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 2021-22 में 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी ‘हिमकेयर’ के लाभार्थियों व बाल आश्रमों में रह रहे सभी अनाथ बच्चों को हिम केयर योजना में बिना अंशदान दिए शामिल किया जाएगा।
अंशकालिक कर्मियों की प्रति घंटा दरों में भी बढ़ोतरी की गई है। आउटसोर्स पर लगे कर्मियों के हितों की सुरक्षा के लिए मॉडल टेंडर दस्तावेज बनाकर सभी विभागों को भेजा जाएगा। सरकार ने 2019 में करुणामूलक आधार की नियुक्तियों को लेकर संशोधित नीति जारी की थी जिसके तहत आय सीमा में बढ़ोतरी और पात्रता के लिए आयु सीमा बढ़ाई गई थी। सरकार इस नीति की समीक्षा करेगी ताकि इसके तहत जरूरतमंद पारिवारिक सदस्यों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकें। 2022 तक 40,000 किलोमीटर सड़के बनाने का लक्ष्य रखा गया है। सड़कें जो अभी 30,244 किलोमीटर लंबी हैं, 2022 तक 34,000 किलोमीटर कर दी जाएगी। हिमाचल पथ परिवहन निगम के लिए 200 नई बसें खरीदी जाएंगी।
‘स्वर्ण जयंती नारी सम्बल योजना’ के तहत 65-69 वर्ष की वरिष्ठ महिलाओं को एक हजार रुपये प्रति माह सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जाएगी। इस पर 55 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि खर्च की जाएगी। ‘शगुन' नाम से नई योजना का शुभारंभ करने की घोषणा की गई है। इसके तहत अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के बीपीएल परिवारों की बेटियों को विवाह के समय 31 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। योजना पर 50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 40 हजार अतिरिक्त लाभार्थियों को अगले वर्ष सामाजिक सुरक्षा पेंशन। इस पर 60 करोड़ रुपये खर्चे जाएंगे।
उच्च घनत्व पौधे उचित दाम पर उपलब्ध करवाने के लिए नई 'स्वर्ण जयंती समृद्ध बागवान' योजना शुरू करने का फैसला लिया है। 'प्राकृतिक खेती-खुशहाल किसान योजना' के तहत 50 हज़ार नए किसान परिवारों को जोड़ा जाएगा। दूध खरीद मूल्य दो रुपये प्रति लीटर की दर से बढ़ाया गया।आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में राज्य अंशदान को 750 रुपये प्रति माह बढ़ाने की घोषणा की गई है। प्रदेश सरकार 143 ‘आयुष वेलनेस सेंटर’ स्थापित करेगी। योग को बढ़ावा देने के लिए आयुष विभाग प्रशिक्षित योग मार्गदशकों का समूह तैयार करेगा जो निजी क्षेत्र में सेवाएं देने के लिए उपलब्ध होंगी।
मेडिकल कॉलेज शिमला,टांडा, नाहन, हमीरपुर, चंबा और नेरचौक व दंत चिकित्सा कॉलेज शिमला के आधारभूत ढांचे और इनमें समुचित सेवाओं पर 2020-21 में 772 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 2021-22 में 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी ‘हिमकेयर’ के लाभार्थियों व बाल आश्रमों में रह रहे सभी अनाथ बच्चों को हिम केयर योजना में बिना अंशदान दिए शामिल किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में बढ़ते नशे के कारोबार के खात्मे के लिए सीएम ने बजट में नशा निवारण के लिए अलग से फंड बनाने की घोषणा की है। इस फंड का इस्तेमाल समग्र नशा निवारण नीति के कार्यान्वयन में किया जाएगा। महिलाओं की पुलिस में सहभागिता व सुविधा के लिए भी मुख्यमंत्री ने दो अहम घोषणाएं की है। प्रदेश के 136 पुलिस थानों में सहायता डेस्क स्थापित किए जाएंगे, जहां शिकायत दर्ज कराने के लिए आने वाली महिला को गंभीरता से मदद मुहैया कराई जाएगी। इसके अलावा पुलिस विभाग में होने वाली आरक्षी व उप निरीक्षक की सीधी भर्ती के पदों में महिलाओं के लिए आरक्षण को चरणबद्ध तरीके से 25 फीसदी तक ले जाने की भी घोषणा की।
हिमाचल प्रदेश के राज्य कर एवं आबकारी विभाग की तस्वीर बदली जाएगी। सीएम ने विभाग के जीएसटी और आबकारी विंग के पुनर्गठन का प्रस्ताव किया है। सीएम ने विश्व के कई देशों और कई राज्यों की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भांग की व्यवसायिक खेती के लिए नीति बनाने का भी एलान किया है। हालांकि, यह भी स्पष्ट किया कि इस खेती को प्रभावी नियामक व्यवस्था के अंतर्गत शुरू किया जाएगा, जिससे निवेश और रोजगार सृजित हो सकें। वहीं, कराधान एवं आबकारी हितधारकों, विशेषकर व्यवसायिक समुदाय से सीधा संवाद करने के लिए टैक्स हाट कार्यक्रम शुरू करेगी।
प्रदेश में नवगठित शहरी निकायों व नए शामिल क्षेत्रों में 3 साल के लिए कोई संपत्ति टैक्स नहीं लगेगा। मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में सोलन, पालमपुर और मंडी नगर निगम के लिए एक-एक करोड़ रुपये और नई बनीं नगर पंचायतें शाहपुर, अंब, आनी, निरमंड, चिड़गांव, नेरवा और कंडाघाट को 20 -20 लाख रुपये देने की घोषणा की है। सभी शहरी स्थानीय निकायों को ओडीएफ प्लस स्तर पर प्रमाणित कराया जाएगा। 15 शहरी निकायों को ओडीएफ प्लस प्लस के रूप में प्रमाणित कराने, स्टार रेटिंग गारबेज फ्री सिटी 2021 के तहत एक स्टार और शिमला, धर्मशाला, मंडी को 5 स्टार के रूप में प्रमाणित करने का लक्ष्य रखा है।
चंडीगढ़-बद्दी रेल संपर्क औद्योगिक दृष्टि से हिमाचल प्रदेश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस रेल लाइन के भूमि अधिग्रहण का कार्य 2021-22 के दौरान पूरा किया जाएगा। 2021-22 में अंतिम 20 किलोमीटर पर भानुपल्ली-बिलासपुर रेल लाइन का भूमि अधिग्रहण भी पूरा किया जाएगा। प्रथम 20 किलोमीटर में सात सुरंगों और 18 पुलों पर काम शुरू हो गया है, जिसे और गति प्रदान की जाएगी। 2021-22 में रेल लाइन निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।
साभार अमर उजाला।
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