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अपनी बदहाली पर आँसू वहा रहा,अमर शहीद दिनेश राणा के नाम पर बना प्रवेश द्वार


  • खैरा(सुलह) 2 नबम्बर, विनोद कटोच
    पालमपुर उपमण्डल मंडल के खैरा के लज़्झियां गांव के अमर शहीद दिनेश के नाम पर बने दिनेश स्मारक द्वार की खस्ता हाल अपने आप आंसु वहा रही है। अप्रैल, 2003 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री चंद्रेश कुमारी द्वारा, सुलह के विधायक जगजीवन की उपस्थिति में इसका अनावरण किया गया था। परंतु आज इसकी दशा देख कर सब हैरान है। इस स्मारक को बने हुए 17 वर्ष हो चुके हैं परंतु किसी भी सरकार ने इसके आवरण के बाद इसके रखरखाव या सुधार कीओर ध्यान नहीं दिया। साथ ही खेद का विषय यह भी है कि पालमपुर सुजानपुर मुख्य मार्ग पर स्थित होने के नाते यहां आए दिन आलाधिकारियों, मंत्रियों यहां तक कि मुख्यमंत्री तक का काफिला भी आहे वगाहे निकलता रहता है तथा स्मारक से मात्र 20 ग़ज़ की दूरी पर विश्राम गृह भी है जहां पर इनकी आवभगत भी अक्सर होती रहती है। यहीं तक ही नहीं स्मारक के पास ही कूड़े कचरे का ढेर व गंदगी भी मानो शहीद स्मारक द्वार को चिड़ा रही हो।


 

अब स्थिति यह है कि इसके पेंट को पूरी तरह काई ने घेर लिया है जो इसकी दशा को खुद व्यान कर रहा है। हालांकि कुछ वर्ष पूर्व परिवार के सदस्यों द्वारा ही इसको पेंट पॉलिश आदि किया गया था तथा वर्तमान में स्मारक की अनदेखी के चलते इसकी हालत बहुत दयनीय है परिवार के लोगों को मलाल है कि बार बार आग्रह भी मात्र आश्वासनों तक ही सीमित है तो अब फरयाद ही क्यों करें। यदि सरकार इसका रखरखाव ठीक से नहीं कर सकती तो कम से कम, परिवार को ही इसकी देखरेख करने की इजाजत दी जाए ताकि इसको वह उचित देखभाल कर सकें।

शहीद को माता को है मलाल


शहीद की 73 वर्षीय माता निर्मल देवी का कहना है उन्हें अपने बेटे की शहादत पर नाज़ है परंतु शासन प्रसाशन द्वारा बेटे की याद में बने स्मारक की अनदेखी व दशा पर उन्हें खेद है तथा शहीद की माता का कहना है कि यदि प्रशासन इसका रखरखाव नहीं रख सकता तो उन्हें लिखित इसकी इजाजत दे वह स्वयं इसका रखरखाव करने को तैयार व करने में समर्थ है।



विदित रहे कि सेना की 23 फेज आर्टिलरी बटालियन में जम्मू कश्मीर में तैनाती के दौरान खैरा के अमर वीर ने अपने एक अन्य साथी सहित जम्मू कश्मीर के कैथल में उग्रवादियों की चाल को नाकाम कर अपने प्राणों की बाजी लगा कर शहादत का जाम पीया था।



15 अगस्त को जब उधमपुर में सेना द्वारा तिरंगा फहराने की तैयारियां चल रही थी तो उसी अवसर पर प्रसाशन को आतंकवादियों द्वारा किसी बड़ी साजिश के तहत आतंकी हमला की आशंका की सूचना मिली कि आतंकवादी उधमपुर में रेज़मेंट पर हमला करने की फिराक में थे। इसी के चलते जवानों को मुश्तैदी के लिए भेजा गया इनमें से खैरा के अमर शहीद दिनेश सिंह भी अपने साथी विनोद कुमार के साथ शामिल थे। जैसे ही 15 अगस्त को सुवह 5 बजे रियासी सेक्टर के कैथल गांव में तीन आतंकियों से उनका सामना हुआ। उसी मुठभेड़ में शहीद दिनेश ने 2 आतंकियों को ढेर कर दिया परंतु इस दौरान जबाबी करवाई में एक वर्स्ट जो उन्हें भी पेट में लगा, जिससे वह भी गम्भीर रूप से घायल तो हो गए परन्तु उसके बाबजूद भी दिनेश ने तीसरे आतंकी को भी मार गिराया, समय पर एयरलिफ्ट न हो पाने के कारण, जाबाज़ ने दम तौड़ दिया तथा इसी दौरान उनके दूसरे साथी विनोद कुमार ने भी शहादत का जा ज़ाम पी लिया। परंतु दूसरी ओर उनके बलिदान से आतंकियों के मंसूबों पर पूरी तरह पानी फिर गया।

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