शांति के समय में ये टनल भारतीय सेना के लिए बहुत मददगार होगी लेकर युद्ध के दौरान इसका कोई फायदा नहीं मिल सकेगा।
- बीजिंग 6 अक्तूबर, स्पेशल रिपोर्ट
- हिमाचल प्रदेश के मनाली में पीएम नरेंद्र ने शनिवार को अटल सुरंगा का उद्घाटन किया। ये सुरंग दस हजार फीट की ऊंचाई पर बनाई गई है। सुरंग के उद्घाटन समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अटल सुरंग देश के बार्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर को नई ताकत देगी। भारत में बनी इस सुरंग से चीन बौखला गया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट में चीन के बौखलाहट साफ तौर पर देखी जा सकती है।
ग्लोबल टाइम्स में छपे आर्टिकल में कहा गया है कि ये बात सही है कि अटल सुरंग के खुल जाने से भारत अपनी फौज को कम समय में सीमा पर तैनात कर सकेगा। ये भी सच है कि इस सुरंग ने मनाली से लेह के बीच की दूरी को कम कर दिया है। यह सत्य है कि युद्ध को देखते हुए और रणनीतिक चैनल के रूप में इसकी उपयोगिता भारत के लिए स्पष्ट रणनीतिक महत्व रखती है। आर्टिकल में कहा गया है कि शांति के समय में ये टनल भारतीय सेना के लिए बहुत मददगार होगी लेकर युद्ध के दौरान इसका कोई फायदा नहीं मिल सकेगा।
चीनी अखबार ने बौखलाहट में आगे कहा कि अगर दोनों देशों के बीच में युद्ध होता है तो चीन की पीएलए इस सुरंग को आने-जाने लायक नहीं छोड़ेगी। इसलिए दोनों देशों के लिए शांतिपूर्वक मिलकर रहना बेहद जरूरी है। ग्लोबल टाइम्स ने बौखलाहट में कहा कि भारत को खुद को संयमित करना चाहिए और उकसावे से बचना चाहिए क्योंकि कोई भी मार्ग मौजूद नहीं है जो भारत की युद्ध क्षमता को बढ़ा सकता है।
गलवान में बुरी तरह से मात खाने के बाद भी चीन की गीदड़भभकी अभी भी जारी है। ग्लोबल टाइम्स में आगे कहा गया है कि चीन और भारत के बीच युद्ध की क्षमता में एक निश्चित अंतर है, खासकर भारत की व्यवस्थित युद्ध क्षमता के संदर्भ में। भारत चीन के स्तर तक पहुंचने से बहुत दूर है। चीन लद्दाख में LAC के आसपास बिछाए जा रहे सड़कों के जाल से भी काफी घबराया हुआ है। आर्टिकल में भारत द्वारा सीमा के बेहद नजदीक बनाए गए Darbuk-Shyok-Daulat Beg Oldi (DSDBO) Road और अन्य 73 महत्वपूर्ण सड़कों का भी जिक्र है।
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