- हमीरपुर 6 अक्तूबर, हिमाचल फ़ास्ट रिपोर्ट
उपमंडल भोरंज की नंधन पंचायत के कसियाणा गांव के लोग गांव के लिए न रास्ता और न ही सड़क होने के विरोध में जिला मुख्यालय पहुंचे और प्रदर्शन किया। हाथ में रास्ता और फुट ब्रिज बनाने की मांग वाली तख्तियां पकड़े ग्रामीण गांधी चौक और उपायुक्त कार्यालय के पास धरने पर बैठे रहे।
गुस्साए ग्रामीणों ने उपायुक्त कार्यालय परिसर में डेरा जमाया। उन्होंने कहा कि हमारी मांग को पूरा करो नहीं तो प्राण त्याग देंगे। ग्रामीणों ने कहा कि आजादी के बाद कई दशक बीत जाने के बाद आज तक गांव के लिए न पक्का रास्ता है और न ही सड़क की सुविधा है। कोटलू गांव से इनके गांव को जोड़ने वाला रास्ता जंगल से होकर गुजरता है। रास्ते की हालत भी इतनी दयनीय है कि हमेशा अनहोनी का डर रहता है। दूरी अधिक होने के कारण दो बच्चे बीमारी की हालत में समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सके। इस कारण उनकी मौत हो गई थी। गर्भवती महिलाओं को अगर चारपाई पर उठाकर लाना हो तो चार लोग रास्ते में एक साथ नहीं चल पाते।
अपनी दुखभरी कहानी सुनाते हुए कुछ महिलाएं फूट फूटकर रो पड़ीं। कोटलू गांव का रास्ता जंगल से होने के कारण रात के समय घर एक व्यक्ति पर तेंदुए ने जानलेवा हमला कर बुरी तरह से घायल कर दिया था। कसियाणा गांव के ग्रामीण 95 वर्षीय लबो राम का कहना था कि सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे करती है। अगर एक बार कसियाणा गांव में आकर देखें तो पता चल जाएगा कि गांव की हालत कैसी है। ग्रामीण नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। 90 वर्षीय किरपू राम ने भी गांव की व्यथा सुनाई। 77 वर्षीय ब्रह्मी देवी, सोमा, सावित्री, इंदु, सरिता, मदन, सुनील, विधि चंद भी धरने में शामिल हुए। प्रदर्शन को देखते हुए अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी जितेंद्र सांजटा ने ग्रामीणों से मुलाकात की। उन्होंने एसडीएम भोरंज को ग्रामीणों की समस्या का समाधान करने के लिए कहा।
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