- नगरोटा 31 अक्तूबर,बी के सूद (मुख्य संपादक)
नगरोटा बगवां में बाल्मीकि जयंती के अवसर पर लोगों में काफी उत्साह दिखाई दिया। बाल्मीकि जयंती के अवसर पर नगरोटा बाजार में शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें बहुत से लोगों ने भाग लिया तथा भगवान वाल्मीकि के प्रति अपनी श्रद्धा दर्शाई ।
जहां पर लोग श्रद्धा भाव में लीन थे वहां पर कुछ लोग कोविड कॉल के नियमों को भी भूल रहे थे। वाल्मीकि जयंती को हर साल आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाते हैं। महर्षि वाल्मीकि ने रामायण जैसे महाकाव्य की रचना की थी। महर्षि वाल्मीकि को लेकर शास्त्रों में ऐसा गया है कि इनका जन्म महर्षि कश्यप और अदिति के नौवें पुत्र वरुण और उनकी पत्नी चर्षिणी के यहां हुआ था।
वाल्मीकि जयंती के दिन रामायण पाठ करना शुभ माना गया है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब श्रीराम ने माता सीता का त्याग किया था। इस दौरान वह कई वर्षों तक वाल्मीकि आश्रम में रही थीं। कहते हैं कि यही पर माता सीता ने लव और कुश को जन्म दिया था। यही कारण है कि माता सीता को वन देवी भी कहते हैं।
0 Comments