- चंबा 6 अक्तूबर, हिमाचल फ़ास्ट रिपोर्ट
जिले के तीसा और भरमौर को मॉडल ब्लॉक के तौर पर विकसित किया जाएगा। इस मॉडल को प्रदेश की अन्य जगहों पर भी लागू किया जाएगा। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने ये बात तीसा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में पंचायत घरों का निर्माण इस तरीके से होगा कि उनमें किसी भी मिनी सचिवालय की तरह एक ही छत के नीचे ग्रामीण विकास से जुड़े विभिन्न विभागों की सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
वीरेंद्र कंवर ने बताया कि मनरेगा योजना के तहत प्रदेश में 12 सौ करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि नई गठित पंचायतों के नए पंचायत घर भी जल्द निर्मित होंगे और उनके लिए आवश्यक स्टाफ की भर्ती की जाएगी। उन्होंने विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि जल्द नए पंचायत घरों के निर्माण के लिए उपयुक्त भूमि चिह्नित करें, ताकि पंचायत घरों के निर्माण के लिए धनराशि मुहैया की जाए।
उन्होंने बताया कि 15वें वित्त आयोग के तहत प्रदेश में 529 करोड़ रुपए ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं में खर्च किए जाएंगे। वर्तमान परिदृश्य में कृषि, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन में कलस्टर आधारित गतिविधियों को शुरू करने की आवश्यकता है।
उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे जैविक खेती के अलावा नगदी फसलों को उगाने के प्रति पूरी तरह से जागरूक होकर कार्य करें। ग्रामीणों को भेड़-बकरी व्यवसाय के साथ जुड़ने को लेकर भी आगे आना चाहिए। राज्य सरकार इस व्यवसाय में 95 फीसदी तक की सब्सिडी बीपीएल परिवार को उपलब्ध करवा रही है।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि चुराह घाटी में ठंडे पानी के मत्स्य पालन की बहुत बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं। इस क्षेत्र में विशेषकर ट्राउट मछली पैदा हो सकती है। इसके बाजार में बहुत अच्छे दाम मत्स्य पालकों को मिल रहे हैं। इस मौके पर वीरेंद्र कंवर ने बालिकाओं की माताओं को बेबी किट के उपहार भेंट किए और पोषण अभियान पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
इससे पूर्व ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री ने ग्रामीण विकास विभाग के निर्मित 6 किलोमीटर लंबे दुद्रा संपर्क मार्ग का लोकार्पण करने के अलावा धार और चांजू में निर्मित होने वाले पंचवटी पार्क का शिलान्यास भी किया।
वीरेंद्र कंवर ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान प्रदेश को मनरेगा के तहत 2 करोड़ 75 लाख मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य दिया गया था। मगर बीते 5 महीनों में दो करोड़ से ज्यादा मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं। यह साफ दर्शाता है कि मनरेगा योजना में कन्वर्जेंस शामिल करने से ग्रामीण विकास का कायाकल्प हो रहा है।
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