विजय बैजनाथ
एक बार फिर भाजपा के शासन में गुड्डा राज ऊना के हरोली हल्के में चली सरेआम चली गोली , राजस्व विभाग के चौकीदार को उतारा मौत के घाट आजकल देव भूमि में घोटाले बाजी,भ्रष्टाचार आपराधिक घटनाएँ, आत्म हत्याएं जैसी घटनाएं बढ़ चुकी हैं , कानून व्यवस्था बिगड़ चुकी हैं, सरकार पूरी तरह से हर मोर्चे पर असफल हो रही हैं,आज पूरा विश्व क्रोना की चपेट मै आ चुका हैं, भारत पुरे विश्व में लगभग दूसरे न० पर आ चुका हैं, इस मौके पर देश की अर्थव्यवस्था का गिरना बहुत ही चिंताजनक हैं पहली बार -23.9% GDP देश की पहुंच चुकी हैं, देश में बेरोजगारी चर्म सीमा पर हैं, सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं, और हमारा हिमाचल सरकारी नॉकरी, या खेतीबाड़ी,या बागबानी पर निर्भर हैं इसके इलावा लगभग नॉकरी पैसा के लिए प्राइवेट सेक्टर में अन्य बड़े पड़ोसी राज्यों पर निर्भर रेहना पढ़ता हैं
लगभग सभी के सभी लोग इस कोरोना कॉल में लॉक डाउन के दौरान अपने घरों आचुके हैं,
दूसरी और बीजेपी सरकार ने अब बाहरी राज्यों के युवाओं की भर्ती करके सत्ता दुरुपयोग की एक नई अति की है। उन्होंने कहा कि एक ओर तो सरकार अपने राज्य के लोगों को न रोज़गार दे पा रही है लेकिन दूसरी ओर बाहरी राज्यों के लोगों की भर्ती करके प्रदेश में प्रतिभावान बेरोजगार युवाओं से अन्याय कर रही है। उन्होंने कहा कि जब हिमाचल प्रदेश में क्लास-3 व क्लास-4 के पदों पर बाहरी राज्यों के लोगों को नौकरियां न देने की नोटिफिकेशन कर दी है तो अब सरकार किस मंशा से बाहरी राज्यों के लोगों को नौकरियां दे रही है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि सरकार की अपनी ही अधिसूचना के कोई मायने नहीं हैं। इससे पहले भी सचिवालय में बाहरी राज्यों के लोगों की भर्ती को लेकर खूब हंगामा हुआ था।
और अब फिर से बिजली बोर्ड में बाहरी राज्यों के 37 लोगों की भर्ती करके अपनी ही अधिसूचना को सरकार ने झूठा साबित किया है। उन्होंने कहा कि 2018 में जूनियर इंजीनियर के 222 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जिसका परिणाम सितम्बर में आया था। इस कैटागरी में सामान्य श्रेणी के 90 पद सृजित थे, जिनमें से अब 37 पदों पर उत्तराखंड, बिहार व उत्तर प्रदेश आदि कई राज्यों के युवाओं का सिलेक्शन किया गया है। उन्होंने कहा कि यह पद लॉ वर्ग के तहत आते हैं, जिन पर केवल अपने ही राज्यों के युवाओं का अधिकार होता है, लेकिन ऐसे में सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर बाहरी राज्यों के लोगों को किस कारण और किस मंशा से सलेक्ट किया है यह सरकार को स्पष्ट करना होगा।
उन्होंने कहा कि उधर भाजपा शासित हरियाणा सरकार ने असिस्टेंट इंजीनियर की नियुक्ति रद्द कर दी है क्योंकि यहां भी 80 में से 78 लोग बाहरी राज्यों के भर्ती किए गए थे, जब मामला प्रकाश में आया तो यहां भी सरकार को अपनी मनमानी पर फैसला रद्द करके रोक लगानी पड़ी है जबकि हिमाचल में बिजली बोर्ड में भर्ती किए गए 37 जूनियर इंजीनियर में से भी अभी तक 10 लोग वेटिंग लिस्ट में बताए जाते हैं। यैलो वेटिंग लिस्ट में शामिल यह 10 लोग भी सिलेक्टड हैं जिनकी शायद सरकार बाद में भर्ती करेगी।
आखिर वो कौन सी वजह है कि अपने प्रदेश में बेरोजगारों की फौज के होते हुए सरकार का मोह बाहरी राज्यों के लोगों के प्रति उमड़ा है। उन्होंने सवाल खड़ा किया है कि कहीं इस मामले में भी अंदर खाते किसी नए भ्रष्टाचार की शुरुआत तो नहीं हुई है।
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