कांगडा : संदीप चौधरी
पुराना कांगड़ा शमशान घाट के रास्ते अन्तिम धाम पर समूचे कांगड़ा शहर का कूड़ा हर रोज़ यहाँ फैंका जाता है l गत दिवस टोली मुहल्ला से इलैक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के रिटायर्ड फोरमैन स्व. अमर सिंह टोपू की धर्मपत्नी जी का भी अचानक ह्रदय गति रूक जाने से स्वर्गवास हो गया है जब उनकी अर्थी को लेकर यहाँ से गुजर रहे थे तो रास्ते में गिरे हुए कूड़े कर्कट के ऊपर से गुजर कर जाना पड़ा।
पुराना कांगड़ा वासियों की यही विवशता है l एक तो पुराना कांगड़ा से नीचे वनेर खड्ड को जाते रास्ता संकरा और असुरक्षित हैं और इधर नैशनल हाइवे के खत्म होते ही शमशान घाट के रास्ते पर चारों तरफ फैंका गया कूड़ा, किसी बड़ी बीमारी और दुर्घटना को न्यौता दे रहा है l रास्ते में गिराये गये कूड़े में नारियल भी थे जिनके ऊपर अर्थी को कन्धा देने वालों के पांव भी फिसले, जिससे अर्थी के नीचे गिरने और उठाने वालों को गम्भीर चोटें आने का अन्देशा बना हुआ है l
सनातन धर्म और उसकी संस्कृति की रक्षार्थ समाज सेवा में सक्रिय इंजी.चन्द्र भूषण मिश्रा ने नगर परिषद् कांगड़ा की वर्तमान अध्यक्षा श्रीमती कोमल शर्मा से गुहार लगाते हुए अन्तिम धाम शमशान घाट पुराना कांगड़ा के रास्ते पर सड़क के साथ ही "अन्तिम-धाम " पुराना कांगड़ा के नाम से एक बड़ा गेट (फाटक) बनवाया जाये और नया कांगड़ा शहर का फैंका गया कूड़ा उठवाकर, उन पर कड़ी कार्रवाई करके शिकंजा कसा जाये और पुरजोर मांग की गई कि पुराना कांगड़ा दर्जा छ: पौड़ियां से लेकर शमशान घाट तक रास्ते का कायाकल्प किया जाये l
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