जिला सवांददाता : सुभाष हिमाचली
हिमाचल मे सड़क बिस्तार का एक ओर सपना टूटने जा रहा है। 10 हजार करोड़ रुपये के शिमला-मटौर फोरलेन प्रोजेक्ट से केंद्र सरकार ने पल्ला झाड़ लिया है। केंद्रीय मंत्रालय की घोषणा के तीन साल बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इस बहुप्रतीक्षित फोरलेन निर्माण के लिए बजट की कमी बताई है। साथ ही प्रोजेक्ट को अलाभकारी एवं अव्यावहारिक बताया।
प्राधिकरण ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं उच्च मार्ग मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर इस 224 किलोमीटर फोरलेन प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य करने से इनकार कर दिया है। फोरलेन को तैयार करने में आने वाली भारी-भरकम लागत का तर्क देते हुए प्राधिकरण ने अब इस मार्ग को हिमाचल लोक निर्माण विभाग को सौंपने को कहा है।
प्राधिकरण की तैयार डीपीआर को भी पीडब्ल्यूडी को सौंपने को कहा है। 15 सितंबर, 2016 को राजपत्रित अधिसूचना जारी हुई थी। पांच चरणों में बनने वाले इस प्रोजेक्ट पर एनएचएआई और एक निजी कंपनी में एमओयू हुआ था। हमीरपुर के कृष्णानगर में एनएचएआई का प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन कार्यालय खुला।
फोरलेन में पांच टोल प्लाजा स्थापित होने थे। इन प्लाजा से होने वाली आय से फोरलेन की देखरेख होनी थी। सर्वे में यह भी सामने आया है कि इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही इतनी नहीं, जिससे मार्ग पर होने वाला खर्च पूरा हो सके। एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी (आरओ) जीएस सांगा से बार-बार संपर्क किया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
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