पालमपुर, प्रवीण शर्मा
भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री, शान्ता कुमार ने आयुष मंत्री श्रीपाद नायक, भारत सरकार को पत्र लिखकर इस बात पर दुख प्रकट किया है कि कुछ औपचारिकताओं को पूरा न करने के कारण और शब्द प्रयोग की गलती के कारण स्वामी रामदेव को अपराधी के कटघरे में खड़ा कर दिया गया है। उन्होने कहा आज भी लाखों कोरोना रोगी केवल शरीर की प्रतिरोधक शक्ति के कारण ठीक हो रहे है। इसी शक्ति की बढ़िया दवाई पंतजलि ने तैयार की थी। उन्होने कहा कि शब्दों की इस प्रकार की गलती कई बार बड़े नेताओं से भी हुई हैं।
उन्होने कहा स्वामी रामदेव इस युग के एक एतिहासिक महापुरुष है। हजारों साल से कुछ आश्रमों में सीमित रहने वाले योग को घर-घर तक पहुंचाया उसी कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयत्न से 21 जून को अन्तर्राश्ट्रीय योग दिवस निष्चित हुआ।
शान्ता कुमार ने कहा महात्मा गांधी जी ने विदेशी माल की होली जलाई। स्वेदशी का सपना लिया। गांधी जी चले गये। उसके बाद कई सरकारें आई और गई। सपना साकार नहीं हुआ। विदेशी कम्पनियों की लूट बढ़ती गई। एक अकेले सन्यासी ने बिना सरकार की सहायता से गांधी जी के सपने को पूरा किया। विदेशी कम्पनियों की लूट को बन्द करवाया। इतना ही नही पंतजलि उत्पाद विक्रय के द्वारा देश के लाखों बेरोजगारों को रोजगार दिया। स्वामी रामदेव जैसे एक महापुरुष को अपराधी के कटघरे में खड़ा करना मेरे जैसे करोड़ों भारतीयों का अपमान है। उन्होने कहा वह जब यह सब याद करते है तो स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृश्ण जी को नमन करते है।
उन्होने इस सम्बन्ध मे आयुष मंत्री से आग्रह किया है कि स्वामी रामदेव जी के विरूद्ध सभी प्रकार के अपराध के मामले अतिशीघ्र सम्मानपूर्वक वापिस लिए जाएं।
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