हमीरपुर,हिमाचल फ़ास्ट ब्युरो
विधानसभा क्षेत्र सुजानपुर के ऊहल पीएचसी में दंत चिकित्सा के उपकरणों को लाने व चिकित्सक को लाने को लेकर विधायक राजिंद्र राणा द्वारा अपने प्रयासों का झूठा बखान करने पर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष रविन्द्र सिंह डोगरा ने कड़ी फटकार लगाते हुए राणा को भविष्य में ऐसे प्रपंचों से बाज़ आने के लिए कहा है।
डोगरा ने ग्राम प्रधानों द्वारा उनके इस झूठ में साथ देकर लोगों को गुमराह करने पर, पंचायत प्रतिनिधियों को भी नसीहत देते हुए कहा के विधायक अपने झूठ में उन्हें मिलाकर उनकी भी छवि धूमिल कर रहे हैं, जिससे पंचायत प्रतिनिधियों को बचना चाहिए।
गौरतलब है कि विधायक राजिंद्र राणा द्वारा ऊहल पीएचसी में लोगों की सुविधाओं हेतू दंत चिकित्सा के उपकरणों को अपने प्रयासों से लगवाने की खबर लगवाई गई है, जिसमें ऊहल पंचायत के प्रधान, पौहंज पंचायत के प्रधान, बीडीसी व गवारडू पंचायत के उप-प्रधान आदि के नाम भी शामिल थे, जबकि ऊहल पीएचसी में दंत चिकित्सक को इलाके के वरिष्ठ समाज सेवी भूमिदेव शास्त्री और रविंद्र सिंह डोगरा के सम्मिलित प्रयासों से दो वर्ष पूर्व लाया जा चुका था और उसके कुछ दिनों पश्चात रविंद्र सिंह डोगरा ने शिमला निदेशालय से प्रार्थना कर दंत चिकित्सा की कुर्सी भी प्रथम मंजिल के कमरे में लगवा दी थी।
इतना ही नहीं इस विषय पर डॉ. मीनाक्षी ने जब ऊहल में सेवाएं शुरू की, तब उन्होंने बाकी के उपकरणों के लिए भी रविंद्र सिंह डोगरा को बताया था और बाकायदा उक्त सामान की लिस्ट को चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिषेक कंवर के मार्फत खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. अग्निहोत्री को भेजा गया था, जिसे उनके कार्यालय से शिमला भेजा गया। ये बात और है के कुछ दिन बाद डॉ. मीनाक्षी मैटेरनेटी लीव पर चलीं गईं थी, जिस कारण कार्य में विलम्ब हुआ।
अब जबकि दो वर्ष बाद सब कार्य पूर्ण होने वाला है, तो विधायक इसका झूठा श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं। रविंद्र सिंह डोगरा ने कहा के इससे पहले भी कांग्रेस और भाजपा के प्रतिनिधि, पंचायत प्रधानों व कुछ अन्य लोगों को साथ लेकर उनके कामों का श्रेय लेते रहे, पर तब उन्होंने कुछ नहीं कहा, परंतु इस बार विधायक ने जो झूठ बोला है, उससे सबके सामने बेनकाब करना जरूरी है, ताकि भविष्य में वह दोबारा ऐसी गलती ना करें।
डोगरा के विधायक से सवाल
रविंद्र सिंह डोगरा ने पूछा है कि विधायक पहले तो क्षेत्र की जनता को यह बताएं कि इस महामारी के दौरान वह कहां गायब रहे?
विधायक के बयान मीडिया में आते रहे, जिसमें केंद्र व प्रदेश सरकार पर उन्होंने संगीन आरोप भी लगाए, लेकिन सुजानपुर क्षेत्र की जनता के हित में कोई बयान कभी क्यों नहीं दिया?
दो साल पहले तक विधायक को ऊहल पीएचसी में दन्त चिकित्सक और उपकरणों की याद क्यों नहीं आई?
जब पीएचसी में चिकित्सक की तैनाती हुई और डेंटल चेयर भी लग गई, तो विधायक ने अन्य उपकरण क्यों नहीं मंगवाए?
जब यहां से डॉक्टर को प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया गया, तो डॉक्टर को वापस लाने के लिए विधायक ने क्या प्रयास किए?विधायक के पास ना तो कोई निदेशालय का पत्र है और ना ही ऊहल पीएचसी में दंत चिकित्सा का कोई काम उनके पैसों से हुआ। फिर सुजानपुर के विधायक राजिंद्र राणा ने कैसा और कौन सा प्रयास किया यह समझ से परे हैं।
इस बात से भी पर्दा उठाते हुए डोगरा ने पत्रकारों को जानकारी दी के विधायक को सूत्रों के मार्फत यह बात पता लगी के ऊहल पीएचसी में उपकरण लगने वाले हैं। उस जानकारी का उपयोग उन्होंने राजनितिक षडयंत्र के लिए कर वाहवाही लूटने का प्रयास कर डाला जैसा की वह पूर्व में करते आ रहे हैं, लेकिन विधायक राजिंद्र राणा यह भूल गए की डॉक्टर व दंत चिकित्सा की कुर्सी वहां हमारे प्रयासों से पहले ही मौजूद है और जो उपकरण आने थे, वो टेंडर के कारण रूके थे और बाद में कोरोना की वज़ह से जोकि अब आयेंगे। डोगरा ने कहा कहा की इस बारे में पहले भी सभी अखबारों में दो बार खबर प्रकाशित हो चुकी है तथा निदेशालय के पत्रचार भी उनके पास मौजूद हैं।
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